सोलन में 122 गांवों में जमीन धंसने से 926 मकान क्षतिग्रस्त

Update: 2023-08-30 18:39 GMT
सोलन। जिला सोलन में बारिश से अभी तक 622 करोड़ रुपए का नुक्सान हो चुका है। जिले में भारी बरसात के कारण जमीन ही नहीं पहाड़़ ही धंसने लग गए हैं। दून निर्वाचन क्षेत्र के माजरी गांव में पहाड़ धंसने लगा है। स्थिति यह हो गई है कि करीब 100 फुट तक पूरा पहाड़ ही नदी की ओर खिसक गया है। यदि यह पहाड़ इसी तरह आगे बढ़ता रहा तो बाल्द नदी पर एक बड़ी झील बन सकती है जो बीबीएन के लिए खतरा बन सकती है। जिले में जमीन धंसने के लगातार मामले सामने आ रहे हैं। इस कारण जिले में करीब 122 गांवों को खाली करवाया जा चुका है। सरकारी आंकड़े के अनुसार जमीन व पहाड़ धंसने से 122 गांवों के 926 मकान क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। इससे 952 परिवार बेघर हुए हैं और 8439 लोग प्रभावित हुए हैं। अभी यह आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। सोलन उपमंडल में भारी बारिश से शामती सहित 18 गांव में 121 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। इस कारण 142 परिवार बेघर हुए हैं। इस त्रासदी से इन मकानों में रहने वाले 4230 लोग प्रभावित हुए हैं।
नालागढ़ उपमंडल में रामशहर से लेकर पट्टा तक पहाड़ धंसता जा रहा है। माजरी में तो पहाड़ बीच से धंसना शुरू हो गया है। इस कारण वहां पर 7 मकानों को खाली कर दिया है। दून व नालागढ़ निर्वाचन क्षेत्र की करीब 15 पंचायतों के 39 गांव में 338 मकान क्षतिग्रस्त व जमींदोज हो चुके हैं। बवासनी पंचायत के सुनानी व शील गांव का तो नामोनिशान ही मिट गया है। नालागढ़ उपमंडल में 340 परिवार अभी तक बेघर हो चुके हैं। अर्की उपमंडल में भी जमीन धंसने से 9 गांव प्रभावित हुए हैं। आंकड़ों के अनुसार अर्की उपमंडल में 212 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। कसौली उपमंडल में सबसे अधिक 55 गांव प्रभावित हुए हैं। इसमें कई गांव दून निर्वाचन क्षेत्र के भी शामिल हैं। कसौली में 254 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। कंडाघाट उपमंडल में एक गांव पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हुआ है।
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