300 फीट गहरे बोरवेल में गिरा 9 साल का बच्चा, टीम ने सुरक्षित बाहर निकाला

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Update: 2023-05-20 11:57 GMT
जयपुर। राजस्थान के जयपुर के जोबनेर थाना के भोजपुरा इलाके में 300 फीट गहरे बोरवेल में गिरे 9 वर्षीय लक्की को सकुशल बाहर निकाल लिया गया है। दरअसल, आज सुबह 9 साल का लक्की खेलते-खेलते बोरवेल में गिर गया था। घटना शनिवार सुबह करीब 7 बजे की बताई जा रही है।एनडीआरएफ की टीम रेस्क्यू करने में जुटी थी। मंत्री लालचंद कटारिया भी पहुंचे। एसडीआरफ और एनडीआरफ के अधिकारियों से वे रेस्क्यू की जानकारी लेते रहे। अब बच्चे को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है।
आला अधिकारी मौके पर पहुंचे। वह बोरवेल में करीब 70 फीट की गहराई में फंसा हुआ था। 6 घंटे के रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद उसे सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। वह बोरवेल के अंदर 7 घंटे रहा। सिविल डिफेंस और NDRF की टीम ने लोहे के जाल की मदद से उसे बाहर निकाला। यह जाल अक्षित की पीठ के पास से होता हुआ नीचे जाकर खुल गया। यह ऐसा जाल है जिस पर अक्षित बैठ सकता था या फिर वह अपने दोनों पैर उस पर रख सकता था।

बाहर निकालकर अक्षित को अस्पताल भेजा गया, जहां उसकी हालत खतरे से बाहर है। घटना जयपुर के जोबनेर थाना क्षेत्र की है। कुड़ियों का बास का रहने वाला 9 साल का अक्षित उर्फ लक्की गर्मियों की छुटि्टयों में अपने मामा के यहां आया हुआ था। भोजपुरा कलां में मामा के घर के पास ही खेत में बोरवेल बना हुआ था। सुबह उठने के बाद वह खेलते-खेलते बोरवेल के पास चला गया। अचानक उसका पैर फिसला और वह बोरवेल में 70 फीट की गहराई में फंस गया। घरवालों को काफी देर तक अक्षित नहीं दिखा तो उसे ढूंढना शुरू किया। इस बीच बोरवेल से कुछ हलचल हुई। अक्षित की आवाज आ रही थी। तब घरवालों को हादसे का पता चला। उन्होंने फौरन प्रशासन को इसकी जानकारी दी।
घटना की जानकारी पर SDRF की टीम सुबह 8 बजे गांव पहुंची। सबसे पहले बोरवेल में CCTV कैमरा लगाया गया, ताकि बच्चे की मॉनिटरिंग की जा सके। इसके बाद बच्चे को ऑक्सीजन पहुंचाया गया। पूरे ऑपरेशन के दौरान उसकी स्थिति सामान्य थी। सिविल डिफेंस के डिप्टी कमांडेंट अमित ने बताया- बच्चे से लगातार बात की जा रही थी। बच्चे के माता-पिता की बात भी कराई जा रही थी। अच्छी बात यह थी कि बच्चा रिस्पॉन्ड कर रहा था। वह बेहोशी की हालत में नहीं था। नीचे काफी गर्मी थी, इसलिए उसके लिए पानी और जूस की व्यवस्था की गई थी। अक्षित के माता-पिता का रो-रो कर बुरा हाल था। उसके पिता फूलचंद ने कहा कि हमें बहुत डर लग रहा था, क्योंकि अक्षित को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी और काफी अंधेरा होने से वह बहुत परेशान था। हालांकि, रेस्क्यू टीम ने उन्हें भरोसा दिलाया था कि जल्द ही उसे बाहर निकाल दिया जाएगा।
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