सेक्स करने में सहमत नहीं है 82 फीसदी महिलाएं, बेडरूम लाइफ पर अहम रिपोर्ट आई सामने

Update: 2022-05-11 02:18 GMT
सांकेतिक तस्वीर 

ऐसे समय में जब मैरिटल रेप सुर्खियों में है, नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-5 की भारतीयों की बेडरूम लाइफ पर एक अहम रिपोर्ट सामने आई है. 2019-2021 में किए गए इस सर्वे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में 80 फीसदी महिलाओं और 66 फीसदी पुरुषों ने कहा है कि पत्नी का पति से सेक्स के लिए इनकार करने में कुछ भी गलत नहीं है.

इस सर्वे में सेक्स से इनकार के लिए तीन कारण दिए गए थे, पहला अगर पति को किसी तरह का यौन विकार हो, अगर पति ने किसी अन्य महिला के साथ सेक्स किया हो या फिर पत्नी थकी हुई हो या फिर मूड ना हो. सर्वे में शामिल आठ फीसदी महिलाओं और दस फीसदी पुरुषों को लगता है कि इनमें से किसी भी कारण की वजह से पत्नी सेक्स के लिए इनकार नहीं कर सकती. रिपोर्ट से पता चला है कि देश में 82 फीसदी महिलाओं का कहना है कि वे अपनी पति से सेक्स करने से इनकार कर सकती हैं.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने बीते हफ्ते एनएफएचएस-5 की यह रिपोर्ट रिलीज की. इस रिपोर्ट में कहा गया है, पांच में से चार से अधिक (82 फीसदी) महिलाएं अपने पति से सेक्स से इनकार कर सकती हैं. पति से सेक्स के लिए ना कहने वाली इन महिलाओं की सबसे अधिक संख्या गोवा (92 फीसदी) में है जबकि अरुणाचल प्रदेश (63 फीसदी) और जम्मू एवं कश्मीर (65 फीसदी) में यह सबसे कम है.

जेंडर एडिट्यूड का पता लगाने के लिए इस सर्वे में पुरुषों से कुछ अतिरिक्त सवाल भी पूछे गए. ये सवाल उन स्थितियों से जुड़े हुए थे, जब पत्नी अपने पति के चाहने पर सेक्स से इनकार कर देती है. पुरुषों से यह पूछा गया था कि क्या उन्हें लगता है कि वह पत्नी के सेक्स से इनकार के बाद इन चार तरह का बर्ताव करने का हक रखता है; जैसे- गुस्सा हो जाना, पत्नी को डांट देना, पत्नी को घर खर्च के लिए पैसे नहीं देना, मारपीट करना, पत्नी की इच्छा के खिलाफ जबरदस्ती सेक्स करना या किसी अन्य महिला के साथ सेक्स करना शामिल हैं.

सर्वे में 15-49 आयुवर्ग के सिर्फ छह फीसदी पुरुषों का मानना है कि अगर पत्नी सेक्स से इनकार करती है तो उनके पास इन चारों विकल्पों को अख्तियार करने का हक है. सर्वे में शामिल 72 फीसदी पुरुषों ने इन चारों में से किसी भी विकल्प को नहीं चुना. 19 फीसदी पुरुषों का मानना है कि पत्नी के सेक्स से इनकार करने के बाद पति को गुस्सा होने या पत्नी को डांट लगाने का हक है.

सर्वे कहता है, लगभग सभी राज्यों में इन चारों विकल्पों में से किसी से भी सहमत नहीं होने वाले पुरुषों की संख्या 70 फीसदी से अधिक है जबकि पंजाब (21 फीसदी), चंडीगढ़ (28 फीसदी), कर्नाटक (45 फीसदी) और लद्दाख (46 फीसदी) में इनमें से किसी भी विकल्प से रजामंद नहीं होने वाले पुरुषों का प्रतिशत 50 फीसदी से कम है. एनएफएचएस-4 की तुलना में इस प्रतिशत में पांच फीसदी अंकों की गिरावट आई है.

सिर्फ 32 फीसदी शादीशुदा महिलाओं के पास नौकरी

सर्वे बताता है कि शादीशुदा महिलाओं में रोजगार की दर 32 फीसदी है जबकि एनएफएचएस के पिछले सर्वे में यह दर 31 फीसदी थी.इन 32 फीसदी महिलाओं में से 15 फीसदी को वेतन तक नहीं मिलता और इनमें से भी 14 फीसदी महिलाएं यह तक नहीं पूछ पाती कि उनका कमाया गया पैसा कहां खर्च हुआ. रिपोर्ट में कहा गया, भारत में जिन 32 फीसदी शादीशुदा महिलाओं के पास नौकरी है, उनकी उम्र 15-49 साल के बीच है जबकि इसी आयुवर्ग के 98 फीसदी पुरुषों के पास नौकरी है.

सर्वे बताता है कि सिर्फ 56 फीसदी महिलाओं को अकेले बाजार जाने की इजाजत है, 52 फीसदी अकेले अस्पताल जाती है और 50 फीसदी महिलाएं ही अपने गांव या कम्युनिटी से बाहर अकेले निकलती हैं. कुल मिलाकर, भारत में सिर्फ 42 फीसदी महिलाओं को इन सभी स्थानों पर अकेले जाने की इजाजत है जबकि पांच फीसदी महिलाओं को इनमें से किसी भी स्थान पर अकेले जाने की इजाजत नहीं है.

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