7 लोगों को दबोचा गया, एसटीएफ ने कही ये बात
फिल्म 'पुष्पा' से प्रभावित होकर लाल चंदन तस्करी गिरोह बनाने वाले सात लोगों को मथुरा से गिरफ्तार किया गया है.
मथुरा: उत्तर प्रदेश एसटीएफ के सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि अल्लू अर्जुन की फिल्म 'पुष्पा' से प्रभावित होकर लाल चंदन तस्करी गिरोह बनाने वाले सात लोगों को मथुरा से गिरफ्तार किया गया है. यहां जारी एसटीएफ की एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि दीपक उर्फ दलवीर, अजीत कुमार यादव, सुमित उर्फ राम, चंद्र प्रताप उर्फ बब्बू, सुमित दास, जितेंद्र और रंजीत को सोमवार को राजमार्ग पुलिस थाने से मिली सूचना के आधार पर गिरफ्तार किया गया.
उन्होंने कहा कि वन विभाग की टीम के साथ संयुक्त रूप से चलाए गए अभियान में उनके पास से करीब दो करोड़ रुपये मूल्य का 563 किलोग्राम लाल चंदन बरामद किया गया. आरोपी चंदन की लकड़ी बेचने के लिए मथुरा में थे.
एसटीएफ के अनुसार, आरोपियों ने कबूल किया कि उन्होंने 'पुष्पा: द राइज' से प्रेरणा ली और महंगी लकड़ी चुराकर जल्दी पैसा कमाने का फैसला किया. गिरोह ने लकड़ी को दिल्ली निवासी राणा के पास रखा था, जिसके पास टिम्बर चेंबर का लाइसेंस है.
एसटीएफ ने कहा कि वे आंध्र प्रदेश से अवैध रूप से लाल चंदन लाते थे और इसे धार्मिक स्थलों और मथुरा के आस-पास के इलाकों में बेचते थे. आईपीसी की संबंधित धाराओं और अन्य कृत्यों के तहत हाईवे पुलिस स्टेशन में सात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है.
बताते चलें कि एक्टर अल्लू अर्जुन की मूवी पुष्पा : द राइज लंबे समय तक चर्चित रही. मेकर्स के मुताबिक, यह 2021 की सबसे अधिक कमाई करने वाली मूवी रही है. इस मूवी में उत्तर भारत के शेषाचलम जंगल में पाए जाने वाले लाल चंदन की तस्करी के बारे में बताया गया है, जो करोड़ों रूपये का बिकता है.
गौरतलब है कि चंदन की लकड़ी को सबसे महंगी लकड़ी माना जाता है. इसका बाजार मूल्य करीब 26 हजार से 30 हजार रुपये प्रति किलो तक है. एक पेड़ से किसान को 15 से 20 किलो लकड़ी आराम से मिल जाता है. ऐसे में उसे एक पेड़ से 5 से 6 लाख रुपये तक आसानी से प्राप्त हो जाते हैं. वर्तमान में चंदन की खरीद-बिक्री पर सरकार ने रोक लगा रखा है. ऐसे में सिर्फ सरकार ही इसे खरीदती है. 2017 में बने नियम के मुताबिक कोई भी किसान चंदन की खेती कर सकता है. लेकिन एक्सपोर्ट सिर्फ सरकार ही कर सकती है.
यहां बता दें कि चंदन के दो प्रकार होते हैं. एक सफेद चंदन और दूसरा लाल चंदन. उत्तर भारत में सफेद चंदन की खेती सबसे ज्यादा होती है. क्योंकि इसमें 7.5 पीएच वाली मिट्टी की जरूरत होती है. वहीं लाल चंदन के पेड़ के लिए 4.5 से 6.5 पीएच वाली मिट्टी की जरूरत होती है. यही कारण है कि लाल चंदन की खेती दक्षिण भारत में की जाती है. चंदन के पेड़ रेतीले और बर्फिले इलाके में नहीं उगाए जा सकते.