अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान का 68वां स्थापना दिवस समारोह

Update: 2023-09-25 18:06 GMT
नई दिल्ली। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल ने आज नई दिल्ली में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के 68वें स्थापना दिवस समारोह की अध्यक्षता की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि एम्स वास्तव में देश में प्रमुख स्वास्थ्य सेवा संस्थान के रूप में अपनी प्रतिष्ठा पर खरा उतरा है। उन्होंने एम्स में आयोजित एक प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया। श्री बघेल ने विद्यार्थियों को उनकी उपलब्धियों और योगदान के लिए पुरस्कृत किया।
कोविड के दौर में जिस तरीके से हमारे चिकित्सकों और वैज्ञानिकों ने समूची दुनिया में वैक्सीन डेवलप कर एक कीर्तिमान स्थापित किया। भारत के 98 प्रतिशत लोगों को टीका भारत की सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली के माध्यम से निशुल्क लगाया गया। इसके लिए हमारे देश के चिकित्सकों ने जिस तरीके की मेहनत की है उसको समूची दुनिया ने न सिर्फ पहचाना है, बल्कि मान सम्मान भी देकर देश कोई एक नई पहचान दी है। हमारे चिकित्सकों को ऐसे ही चिकित्सकीय शोध से लेकर मरीज के इलाज में लगातार आगे बढ़ते रहना है।
नई दिल्ली स्थित ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज (एम्स) 68वें स्थापना दिवस पर केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल और नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वीके पाल ने संस्थान में आयोजित कार्यक्रम के दौरान यह बातें कहीं।
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल ने कहा कि वास्तव में देश के प्रमुख स्वास्थ्य सेवा संस्थान के रूप में अपनी प्रतिष्ठा पर खरा उतरा है। यह संस्थान देश ही नहीं बल्कि दुनिया के सबसे बेहतरीन चिकित्सा संस्थानों में से एक है। उन्होंने कहा कि एम्स राष्ट्रीय संस्थान रैंकिंग फ्रेमवर्क में छठे साल भी पहले नंबर पर बना हुआ है। जो यहां की गुणवत्ता और प्रतिष्ठा को बताता है।
केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री बघेल ने कहा कि एम्स आज एक ब्रांड बन चुका है और इसकी प्रतिष्ठा पूरे देश में फैल चुकी है। उन्होंने एम्स अधिकारियों को इस छवि को बनाए रखने और एम्स की प्रतिष्ठा को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए प्रोत्साहित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री बघेल ने कहा कि आज भारत स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में किसी भी विकसित देश से तुलना में सबसे आगे है। यही नहीं विकसित देशों में भी भारतीय डॉक्टरों का प्रतिशत पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा है।
उन्होंने कहा कि देश पहले से ही अपनी वैक्सीन निर्माण क्षमताओं, फार्मा उद्योगों और मेडटेक क्षेत्र में अपने नवाचारों के लिए जाना जाता है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हमारे देश के चिकित्सक और वैज्ञानिकों ने कोविड जैसी गंभीर महामारी में समूची दुनिया के लिए वैक्सीन का निर्माण कर उनको अलग-अलग देश में भी भेजा। मानवता की भलाई के लिए हमारे देश के डॉक्टर और एम्स के चिकित्सकों समेत वैज्ञानिकों ने जिस तरीके से दिन-रात मेहनत कर एक बड़ी आपदा से सबको बाहर निकाला उसके लिए एम्स और देश के सभी चिकित्सा संस्थानों की प्रशंसा करनी होगी। इस दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री ने "एम्स: भारत की स्वास्थ्य सेवा सुरक्षा में अग्रणी" विषय पर आयोजित प्रदर्शनी का दौरा किया और छात्रों को उनकी उपलब्धियों व योगदान के लिए पुरस्कृत भी किया। उन्होंने एम्स में छात्रों को कड़ी मेहनत कर अपनी जिम्मेदारियां को निभाने के लिए कहा।
इस अवसर पर डॉ. वीके पॉल ने डायमंड जुबली भाषण दिया। उन्होंने भारत की कोविड-19 टीकाकरण के बारे में बोलते हुए कहा कि यह आप निर्भरता और आत्मविश्वास की कहानी है। उन्होंने प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के तहत बड़े पैमाने पर स्वदेशी टीकों और विदेशी टीकों दोनों के निर्माण में भारत की सफलता का उल्लेख किया। डॉ. पॉल ने आगामी वर्षों में भारत के फार्मा, चिकित्सा और मेडटेक क्षेत्रों को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर चर्चा की। इस अवसर पर एम्स के निदेशक प्रोफेसर एम श्रीनिवास, डीन प्रोफेसर मीनू बाजपेयी समिति संस्थान की फैकल्टी और छात्रों ने शिरकत की।
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