मनी लांड्रिंग मामले में ऑपरेटर के साथ अन्य लोगों का 65 करोड़ की संपत्ति जब्त
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लांड्रिंग मामले में हवाला ऑपरेटर नरेश जैन
जनता से रिश्ता वेबडेस्क: नई दिल्ली, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लांड्रिंग मामले में हवाला ऑपरेटर नरेश जैन, उसकी कंपनियों और उससे जुड़े लोगों की 65.75 करोड़ रुपये की चल और अचल संपत्ति जब्त की है। मनी लांड्रिंग का यह मामला 560 करोड़ से अधिक का है। ईडी ने एक बयान में कहा कि बिमल जैन, सुनीता जैन, विजय अग्रवाल और नरेश जैन और उसकी कई कंपनियों से जुड़े आवासीय संपत्तियां, परियोजनाओं की जमीन और औद्योगिक प्लाट जब्त किए गए हैं। मनी लांड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत दिल्ली, राजस्थान और मध्य प्रदेश में स्थित जब्त की गई इन संपत्ति की कीमत 65.75 करोड़ रुपये है।
एजेंसी ने बताया नरेश जैन के स्वामित्व या नियंत्रण वाली कंपनियों में जयना इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड, ग्राफिक बिल्डकॉन प्राइवेट लिमिटेड, एरो बिल्डटेक प्राइवेट लिमिटेड, सीजन बिल्डवेल प्राइवेट लिमिटेड, कोर्नाण क्राफ्ट प्राइवेट लिमिटेड और अन्य शामिल हैं।
फर्जी दस्तावेजों के आधार खोलीं शेल कंपनियां
ईडी ने कहा कि जांच में यह पाया गया कि नरेश जैन, बिल जैन, नरेश जैन के कर्मचारियों और अन्य ने आपराधिक साजिश रची और धोखाधड़ी और जालसाजी की। इन लोगों ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर भारत और दूसरे देशों में शेल कंपनियां खोलीं। इन कंपनियों के नाम पर बैंक खाते खोले गए और आयात-निर्यात के फर्जी सौदे किए गए।
पीएमएलए के तहत 62 साल के नरेश जैन को पिछले साल सितंबर में गिरफ्तार किया गया था। ईडी ने कहा कि अवैध लेनदेन लोन और एडवांस के रूप में किया गया। कंपनियों में शेयर पूंजी के रूप में भी अवैध कारोबार को अंजाम दिया गया।