6 महिला जज बर्खास्त, पीरियड बनी बर्खास्तगी की वजह

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Update: 2023-06-11 18:02 GMT
भोपाल। मध्य प्रदेश के अलग-अलग जिलों में पदस्थ 6 महिला जजों को बर्खास्त किया गया है। विधि और विधायी विभाग ने प्रशासनिक समिति और उच्च न्यायालय की अनुशंसा के आधार पर सभी जजों की सेवाएं समाप्त की है। दरअसल, सभी महिला जज प्रोबेशन पीरियड पर थीं। परिवीक्षा अवधि का निर्वहन संतोषजनक और सफलतापूर्वक नहीं करने पर विधि और विधायी विभाग ने प्रशासनिक समिति और फुल कोर्ट मीटिंग व उच्च न्यायालय की अनुशंसा पर सेवाएं समाप्त की है।
मध्यप्रदेश के अलग-अलग जिलों में पदस्थ 6 महिला जजों को बर्खास्त कर दिया गया है। एमपी के राजपत्र में इस संबंध में अधिसूचना जारी की गई है। विधि और विधायी कार्य विभाग ने हाई कोर्ट की प्रशासनिक समिति की बैठक और फुलकोर्ट मीटिंग द्वारा लिए गए फैसले के बाद कार्यवाही की है। उमरिया में पदस्थ न्यायिक सेवा के सदस्य द्वितीय व्यवहार जज सरिता चौधरी, रीवा में पदस्थ रचना अतुल कर जोशी, टीकमगढ़ में पदस्थ अदिति कुमार शर्मा, मुरैना में पदस्थ सोनाक्षी जोशी, इंदौर में पदस्थ प्रिय शर्मा और टिमरनी हरदा में पदस्थ ज्योति बरखड़े की सेवा समाप्त कर दी गई है।
प्रदेश के न्याययिक इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है, जब एक साथ छह महिला न्यायाधीश को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है। सभी न्यायाधीश परिवीक्षा अवधि पर थीं। इस दौरान ड्यूटी का संतोषजनक निर्वहन नहीं कर पाने की वजह से महिला जजों को सेवा से मुक्त कर दिया गया है। प्रदेश के विधि और विधायी कार्य विभाग ने यह बड़ी कार्रवाई की है। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की प्रशासनिक समिति की बैठक और फुलकोर्ट मीटिंग में इन जजों को सेवा से पृथक करने की अनुशंसा की गई थी, जिसके बाद ये फैसला किया गया है।
मध्य प्रदेश के विधि और विधायी कार्य विभाग ने प्रदेश के अलग-अलग जिलों में पदस्थ 6 महिला जजों को सेवा से मुक्त कर दिया है। इनमें उमरिया में पदस्थ न्यायिक सेवा के सदस्य द्वितीय व्यवहार न्यायाधीश सरिता चौधरी। रीवा में पदस्थ न्यायिक सेवा के सदस्य द्वितीय दरबार न्यायाधीश कनिष्ठ खंड की रचना अतुल कर जोशी। डॉक्टर अंबेडकर नगर इंदौर में पदस्थ प्रथम व्यवहार न्यायाधीश कनिष्ठ खंड प्रिया शर्मा। मुरैना में पदस्थ पंचम अतिरिक्त व्यवहार न्यायाधीश कनिष्ठ खंड सोनाक्षी जोशी। टीकमगढ़ में पदस्थ पंचम व्यवहार न्यायाधीश कनिष्ठ खंड अदिति कुमार शर्मा और टिमरनी हरदा में पदस्थ व्यवहार न्यायाधीश कनिष्ठ खंडित ज्योति बरखड़े शामिल हैं। इस संबंध में 9 जून 2023 को मध्य प्रदेश के राजपत्र में अधिसूचना भी जारी कर दी गई है।
इन सभी जजों को लेकर 8 और 10 मई 2023 को मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की प्रशासनिक समिति की बैठक आयोजित की गई थी। वहीं 13 मई 2023 को भी इस विषय में फुलकोर्ट मीटिंग की गई थी। इन मीटिंग्स में फैसला लेकर शासन को उक्त जजों को सेवा से पृथक करने की अनुशंसा की गई थी। इसके बाद 9 जून को विधि विभाग ने एक्शन लेते हुए महिला जजों को सेवा से बर्खास्त कर दिया है। जानकारी के मुताबिक परिवीक्षा अवधि का निर्वहन संतोषजनक एवं सफलतापूर्वक नहीं कर पाने के फलस्वरूप यह फैसला लिया गया है।
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