एमपी। इंदौर में ओमिक्रॉन के साथ अब इसके सब वैरिएंट BA.1 और BA.2 के मामले सामने आए हैं. शहर में ओमिक्रॉन के सब वैरिएंट BA.2 के 12 मरीज मिले हैं. इनमें 6 बच्चे भी हैं. BA.2 स्ट्रेन सबसे ज्यादा तेजी से फैलता है. इसका संक्रमण मरीज के फेफड़ों को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है. नए आए मरीजों के फेफड़ों में भी 5% से 40% तक इंफेक्शन मिला है. ओमिक्रॉन BA.2 के मामले सामने आने के बाद इंदौर स्वास्थ्य विभाग भी चिंता जता रहा है.
कोरोना वायरस और ओमिक्रॉन से अलग यह वैरिएंट इस वजह से अलग है क्योंकि यह स्ट्रेन फेफड़ों को ज्यादा असर डालता है. इस स्ट्रेन को BA.2 सब-स्ट्रेन या 'स्टील्थ' (Stealth) यानी छिपा हुआ वर्जन भी कहा जा रहा है, जो 40 से अधिक देशों में पाया गया है. इससे पीड़ित अरबिंदो अस्पताल में भर्ती 17 साल के मरीज के लंग्स यानी फेफड़े 40% तक संक्रमित मिले हैं. वहीं, दो मरीज आईसीयू में हैं. इन मरीजों को ऑक्सीजन लगाने के साथ-साथ अस्पताल में भर्ती कराना पड़ रहा है. इनके अलावा 4 मरीजों में ओमिक्रॉन BA.1 की पुष्टि हुई है. अरबिंदो हॉस्पिटल के डॉक्टर रवि डोसी ने बताया कि ओमिक्रॉन का पहला सब वैरिएंट BA.1 आया था. यही वैरिएंट अब रोटेट होकर BA.2 हो गया है. 6 जनवरी तक इसका लंग्स इन्वॉल्वमेंट बिल्कुल भी नहीं था. इसके बाद अब तक ऐसे 12 मरीज आ चुके हैं, जिनमें BA.2 मिला है, उनके 40 फीसदी तक फेफड़े संक्रमित हो गए हैं. चिंता वाली बात यह कि ऑक्सीजन लगाने के साथ मरीजों को एडमिट करना पड़ रहा है. दो लोग ICU में हैं. फेफड़ों में इन्फेक्शन होना चिंता की बात है. हालांकि, वैक्सीन के दोनों डोज लगवा चुके मरीज सुरक्षित हैं.
टेस्ट किट की पकड़ में नहीं आता
BA.2 सब-स्ट्रेन की चौंकाने वाली बात यह है कि यह RT-PCR टेस्ट से भी बच सकता है. स्टील्थ ओमिक्रॉन ने पूरे यूरोप में और तेज लहर की आशंका पैदा कर दी है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, ओमिक्रॉन वैरिएंट में तीन सब-स्ट्रेन हैं- BA.1, BA.2, और BA.3. जबकि दुनिया भर में रिपोर्ट किए गए ओमिक्रॉन संक्रमणों में BA.1 सब-स्ट्रेन सबसे खास है, लेकिन BA.2 सब-स्ट्रेन तेजी से फैल रहा है. विदेशी हेल्थ एक्सपर्ट्स ने BA.2 को 'variant under investigation' कहा है, जो कि 'variant of concern' घोषित किए गए स्ट्रेन से ही बना है.
तीसरी लहर का मुख्य कारण ओमिक्रॉन
उधर,देश में सोमवार रात 11:30 बजे तक कोरोना संक्रमण के 2,52,774 नए मामले दर्ज किए गए. इस दौरान 607 मौतें भी हुईं. संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 3,97,96,125 हो गई. तीसरी लहर का मुख्य कारण कोविड-19 के ओमिक्रॉन वैरिएंट को माना जा रहा है.