मणिपुर। मणिपुर में सीबीआई जांच के दायरे में आए शुरुआती 11 मामलों की तफ्तीश के लिए पुलिस उपनिरीक्षक यानी डीआईजी स्तर के तीन अधिकारियों सहित 53 अधिकारियों को सूची जारी कर दी गई है. इसमें दो महिला डीआइजी रैंक के अधिकारी भी शामिल हैं.
दरअसल मणिपुर में भड़की हिंसा और महिलाओं के साथ हुए अमानवीय अपराधों के सिलसिले में दर्ज 6500 से अधिक एफआइआर में से 11 अति संवेदनशील मामलों को जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंपा गया है. केंद्र और मणिपुर सरकार ने इन मामलों को मणिपुर पुलिस से लेकर सीबीआई को सौंपने की बात सुप्रीम कोर्ट में मान ली थी.
मणिपुर में 3 मई को सबसे पहले जातीय हिंसा की शुरुआत हुई थी. मैतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) में शामिल किए जाने की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में 'आदिवासी एकजुटता मार्च' आयोजित किया था. तब पहली बार मणिपुर में जातीय झड़पें हुईं. हिंसा में अब तक 160 से ज्यादा लोगों की जान चली गई और सैकड़ों लोग घायल हो गए. मणिपुर की आबादी में मैतेई समुदाय की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं. कुकी और नागा समुदाय की आबादी 40 प्रतिशत से ज्यादा है. ये लोग पहाड़ी जिलों में रहते हैं.