चमोली: सशस्त्र सीमा बल प्रशिक्षण केंद्र ग्वालदम में पासिंग आउट परेड संपन्न हो गई है. पासिंग आउट परेड में 9 माह के कड़े प्रशिक्षण के बाद प्रशिक्षु से जवान बने 506 नव आरक्षियों ने देश की रक्षा की शपथ ली है. पासिंग आउट परेड में सशस्त्र सीमा संगठन एसएसबी ग्वालदम के उपमहानिरीक्षक अनिल कुमार शर्मा ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की.
पासिंग आउट परेड के बाद SSB का हिस्सा बने आरक्षियों ने प्रशिक्षण के दौरान सीखे गए युद्धाभ्यास, जंगल युद्धकला, सामूहिक व्यायाम और विभिन्न कलाओं का भी प्रदर्शन किया. वहीं, प्रशिक्षण के दौरान विभिन्न प्रतियोगिताओं में अव्वल रहे आरक्षियों को मुख्य अतिथि उपमहानिरीक्षक अनिल कुमार शर्मा ने सम्मानित भी किया.
मुख्य अतिथि उपमहानिरीक्षक अनिल कुमार शर्मा ने नए आरक्षियों को बधाई देते देश की रक्षा और सेवा के लिए दृढ़संकल्पित होने की बात कही. इस दौरान उन्होंने सशस्त्र सीमा बल की देश सेवा में योगदान और नक्सलवाद के खिलाफ सशस्त्र सीमा बल की उपलब्धियों के बारे में जानकारी भी दी.
सशस्त्र सीमा बल (Sashastra Seema Bal-SSB) का मुख्य कार्य राष्ट्रीयता की भावना पैदा करना है. 15 दिसंबर, 2003 से पहले तक इसका नाम स्पेशल सर्विस ब्यूरो था. इसका गठन वर्ष 1963 में किया गया था. इसके गठन का मुख्य उद्देश्य 1962 के भारत-चीन युद्ध के बाद सीमावर्ती क्षेत्रों के लोगों में विश्वास पैदा करना और देशभक्ति की भावना का विकास करना था. एसएसबी 15 जनवरी, 2001 से गृह मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में है. वर्तमान में भारत-नेपाल और भारत-भूटान सीमाओं पर कार्यरत एसएसबी इससे पहले भारत-चीन के सीमावर्ती क्षेत्रों के अलावा राजस्थान, गुजरात, मिजोरम, नागालैंड, मणिपुर, मेघालय और सिक्किम की सीमाओं पर अपनी सेवा दे चुका है.