होली के मद्देनजर 50 निगरानीशुदा बदमाशों की हुई गिरफ्तारी

Update: 2022-03-17 09:02 GMT

बिलासपुर। बिलासपुर पुलिस ने आज बड़ी कार्रवाई की है. जानकारी के मुताबिक 50 लोगों को गिरफ्तार किया है. बता दें कि होली के मद्देनजर एहतियातन निगरानी शुदा बदमाशों की गिरफ्तारी हुई है. गिरफ्तारी के  बाद सभी को जेल भेजा गया है.  त्योहार में शांति व्यवस्था में कोई खलल न हो उसके चलते थाना क्षेत्रों में कार्रवाई की जा रही है. 

होली यानि रंगों और नाना प्रकार के पकवानों के इस त्योहार के दौरान खान-पान में विशेष सावधानी बरतने की जरूरत होती है। आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति में उमंग और उत्साह के मौसम बसंत ऋतु में मनाए जाने वाले होली पर्व को आरोग्य के लिए महत्वपूर्ण पर्व माना गया है क्योंकि इस त्योहार में मन ईर्ष्या, द्वेष, शत्रुता, क्रोध जैसे मानसिक अवगुणों से मुक्त होकर प्रफुल्लित रहता है जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है।

शासकीय आयुर्वेद कॉलेज रायपुर के सह-प्राध्यापक डॉ. संजय शुक्ला ने बताया कि चूंकि इस समय वातावरण में अनेक पराग कण मौजूद रहते हैं जो एलर्जिक रोग पैदा करते हैं, इसलिए होलिका दहन में अगरू, आम, साल, नीम इत्यादि के सूखे पेड़ों की टहनियों तथा गूगुल, कपूर इत्यादि आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का उपयोग हवन के रूप में करना चाहिए ताकि वातावरण संक्रमण रहित हो सके। डॉ. शुक्ला ने बताया कि होली त्योहार के दौरान लोगों को रंग-गुलाल के साथ ही खान-पान में लापरवाही के कारण अनेक बार सेहत से जुड़ी समस्याओं से जूझना पड़ता है। इन दिनों बाजार में बिकने वाले अधिकांश रंग और गुलाल केमिकल और सिंथेटिक होते हैं जो अनेक बार आंख और त्वचा के लिए नुकसानदायक होते हैं। इसलिए रंग और अबीर के चयन में विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है।

डॉ. शुक्ला ने बताया कि टेसू सहित अनेक वनस्पतियों जिससे प्राकृतिक रंग और गुलाल बनाया जाता है, उनमें औषधि गुण भी होते हैं। फलस्वरूप ये त्वचा और आंखों के लिए सुरक्षित होने के साथ ही चर्म रोगों में भी गुणकारी होते हैं। आजकल एरोमा थेरेपी यानि सुगंध से इलाज भी प्रचलन में है इसलिए सुगंध युक्त रंग-गुलाल से मन प्रसन्नचित्त हो जाता है जिससे होली का उमंग दोगुना हो जाता है। इसके अलावा मेहंदी और नीम की पत्तियों, गुड़हल, गेंदा, गुलाब, हरसिंगार फूल और नील पौधे की फलियों को उबालकर रंग व गुलाल बनाया जाता है। होली में हमें प्राकृतिक रंग और गुलाल का ही उपयोग करना चाहिए।

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