शहीद जवान को 5 साल के बेटे ने दी मुखाग्नि, अंतिम दर्शन के लिए हजारों की संख्या में पहुंचे लोग

Update: 2021-09-21 13:49 GMT

फतेहाबाद के गांव हंसावाला निवासी सेना का जवान 28 वर्षीय नायक जयपाल गिल, रविवार को जम्मू के जिला कुलगांव के खन्नावाल सोपिया में आतंकियों के सर्च ऑपरेशन के दौरान बिजली का करंट लगने से शहीद हो गए. मंगलवार को गांव के श्मशानघाट में पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया. शहीद जयपाल के पार्थिव शरीर को उनके 5 वर्षीय बेटे प्रीत गिल द्वारा मुखाग्नि दी गई. शहीद जयपाल की ड्यूटी असम की 9 जाट में थी लेकिन वह पिछले करीब 18 महीने से जम्मू के कुपवाडा क्षेत्र में राष्ट्रीय राइफल (34आरआर) में अपनी सेवाएं दे रहा था. शहीद की मां पतासो देवी ने कहा कि उसका बेटा देश के काम आ गया.

सुबेदार चंद्रवीर ने को बताया कि जयपाल गिल, दिलेर जवान था तथा आए दिन वह विभिन्न ऑप्रेशनों में शामिल होता था. उन्होंने बताया कि लगभग हर ऑप्रेशन में उसकी अहम भूमिका होती थी. रविवार को भी जब ऑप्रेशन के लिए टुकड़ी जा रही थी तो करीब 11 बजे एक पेड़ में उसके ऊपर से गुजर रही 11हजार केवीए की हाईटेंशन से करंट आया हुआ था. जयपाल जैसे ही उसके पास पहुंचा तो करंट लगने के कारण उसकी मौत हो गई. जयपाल का व्यवहार बड़ा मधुर था तथा सभी के साथ घुल मिलकर रहने वाला था.

जयपाल, इन दिनों 34आरआर में कार्यरत था. जहां पर उसका 30 महीने का कोर्स चल रहा था, जिसमें से करीब 18 माह बीत चुके थे. उनके परिवार में वह पहला युवक था जो सेना में भर्ती हुआ. 6 जून 2009 को वह सेना में बतौर सिपाही भर्ती होकर देश की सेवा करने जुट गया था। बरेली में उसकी ट्रेनिंग हुई थी. वर्ष 2011-12 में उसने सियाचिन में भी 3 महीने तक अपनी सेवाएं दी थी. जानकारी अनुसार जैसे ही जयपाल की पत्नी पूजा को उसकी शहादत की सूचना मिली तो वे बेसुध हो गई. चिकित्सकों ने उन्हें दवा व इंजेक्शन दिए. जयपाल का एक करीब 5 वर्षीय बेटा प्रीत है, जोकि उकलाना के एक निजी स्कूल में पढ़ता है. उनके पिता वेद प्रकाश के पास 3 एकड़ जमीन है.

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