BJP ओबीसी मोर्चा के नेता की हत्या मामले में SDPI के 5 कार्यकर्ता गिरफ्तार
नई दिल्ली: केरल में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के ओबीसी मोर्चा की प्रदेश इकाई के सचिव रंजीत श्रीनिवासन की हत्या मामले में सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) के 5 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है. अलप्पुझा जिले में श्रीनिवासन की हत्या 19 दिसंबर को हुई थी. इस मामले की जांच पुलिस की विशेष जांच दल (SIT) कर रही है. इससे एक दिन पहले केरल पुलिस ने इस केस में "अहम सुराग" मिलने का दावा किया था.
रंजीत श्रीनिवासन की हत्या के कुछ घंट पहले ही SDPI के प्रदेश सचिव केएस शान पर बेरहमी से हमला हुआ था, जिसके बाद अस्पताल में उनकी मौत हो गई थी. पुलिस के अनुसार, शान की मौत के कुछ घंटों बाद रविवार सुबह कुछ हमलावरों ने रंजीत श्रीनिवासन के घर में घुसकर उनकी हत्या कर दी थी. पुलिस ने संदेह जताई थी कि शान की हत्या के प्रतिशोध में श्रीनिवासन पर घातक हमला किया गया. शान की हत्या के मामले में भी दो लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
एसआईटी का नेतृत्व कर रहे अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (ADGP) (कानून एवं व्यवस्था) विजय सखारे ने मंगलवार को बताया था कि कानून-व्यवस्था को बरकरार रखने के लिए और इस प्रकार के अपराध भविष्य में होने से रोकने के लिए जिले में कई स्थानों पर छापे मारे गए हैं और आपराधिक पृष्ठभूमि वाले कई लोगों को हिरासत में लिया गया है.
केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने बीजेपी नेता की हत्या को शर्मनाक करार देते हुए कहा था कि अगर एसडीपीआई नेता की हत्या के बाद पुलिस ने उचित कदम उठाए होते तो स्थिति वर्तमान स्तर तक नहीं जाती. उन्होंने कहा कि श्रीनिवास की हत्या एसडीपीआई नेता की हत्या के बाद राज्य सरकार और पुलिस द्वारा एहतियाती या निवारक कदम उठाने में विफलता का परिणाम है. मुरलीधरन ने यह भी कहा था कि उन्हें मिली जानकारी के मुताबिक, बीजेपी नेता की हत्या के पीछे एसडीपीआई का हाथ है.
दोनों नेताओं की हत्या के बाद पुलिस ने केरल के तटीय अलप्पुझा जिले में धारा-144 लागू कर दी थी. केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने भी इन हत्याओं की निंदा की था और कहा कि पुलिस दोषियों और घटना में शामिल लोगों को पकड़ने के लिए कदम उठाएगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि हिंसा के ऐसे जघन्य और अमानवीय कृत्य देश के लिए खतरनाक हैं और लोगों को ऐसे समूहों और उनकी घृणित गतिविधियों से दूर रहना चाहिए.