गर्मी के मौसम में तापमान में हुई वृद्धि से आद्रता बढ़ गई है जिसके कारण AES यानी इंसेफेलाइटिस के केस में बढ़ोतरी होने लगी है. बिहार में मुजफ्फरपुर और इसके आसपास के जिलों में इसका असर दिखने लगा है. जनवरी से अबतक श्री कृष्णा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (SKMCH) में AES के अबतक 26 केस आ चुके हैं. इलाज के दौरान 5 बच्चों की मौत हो चुकी है. AES की लेकर SKMCH हाई अलर्ट पर है. AES पीड़ित बच्चों के लिए स्पेशल 102 बेड का पीकू वार्ड बनाया गया है. वहीं, जरूरी मेडिसिन भी मंगाई गई है. एसकेएमसीएच में चमकी बुखार से बढ़ते तापमान के साथ बुखार से पीड़ित बच्चों की संख्या में भी प्रतिदिन बढ़ोतरी हो रही है.
रविवार को भी एक एईएस पीड़ित बच्चे की मौत हो गई. पीड़ित बच्चा वैशाली जिला के बेलसंड थाना के मिश्रौलिया गांव का है. जहां के रहने वाले रंजीत कुमार के चार साल के बेटे अजीत कुमार एईएस से पीड़ित था. एसकेएमसीएच में अबतक 26 बच्चे भर्ती हुए हैं जिसमें इलाज के दौरान 5 बच्चों की मौत हो चुकी है. पीड़ित बच्चों में मुजफ्फरपुर के 13, सीतामढ़ी के 4, शिवहर के 2, वैशाली के 3, पूर्वी चंपारण के तीन पश्चिमी चंपारण 1 बच्चा शामिल है.
वहीं, AES से मूजफ्फरपुर से मोतिहारी, बेतिया, वैशाली और शिवहर से प्रभावित हुए हैं. उपाधीक्षक सह शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. गोपाल शंकर सहनी ने बताया है कि दो दिनों से तापमान में बढ़ोतरी हो रही है. उमस भरी गर्मी के बीच बच्चों पर बीमारी का खतरा मंडराने लगा है. SKMCH के उपाधीक्षक डॉ गोपाल शंकर साहनी का कहना है कि पीआईसीयू के डॉक्टर और पैरामेडिकल कर्मचारियों को अलर्ट कर दिया गया है. बीमारी से निपटने की तैयारी का पुख्ता इंतजाम कर लिया गया है. वहीं, आम लोगों से भी अपील किया गया है कि बच्चों को भूखे न रहने दें. शुरुआती समय में यदि कोई लक्षण दिखे तो तुरंत नजदीकी डॉक्टर से सम्पर्क करें.