हिसार की अदालत ने सतलोक आश्रम के संचालक रामपाल (Rampal) सहित 5 लोगों को बरी करने के आदेश दिए हैं. कोर्ट का ये फैसला बरवाला में संत लोक आश्रम में हुए उपद्रव मामले से जुड़े ड्रग्स एवं कॉस्मेटिक केस को लेकर है. कोर्ट ने केस में सुनवाई करते हुए रामपाल समेत पांच आरोपियों को बरी करने का फैसला दिया है.
सतलोक आश्रम के संचालक रामपाल और राजेद्र फिलहाल कस्टडी में हैं. वहीं विजेंद्र और बलजीत जमानत पर थे, जबकि इस मामले मे अन्य आरोपी ओमप्रकाश की मौत हो चुकी है.
क्या है पूरा मामला?
साल 2006 में रामपाल के हिसार के बरवाल आश्रम को लेकर विवाद हुआ था. इस दौरान एक शख्स की मौत हो गई थी. रामपाल के समर्थकों ने हिसार कोर्ट में हगांमा किया था जिसके चलते पुलिस ने उनके समर्थकों के खिलाफ मामला दर्ज किया था और ये मामला हाईकोर्ट तक पहुंच गया था.
इसके बाद 2013 में करोथा गांव में कब्जे को लेकर विवाद हुआ था जिसमें दो गुटों में झगडा हुआ था. इसी दौरान दो लोगों की मौत हो गई थी. मौत के मामले में उन्हें अदालत में पेश होना था.
नवंबर 2014 में हुए गिरफ्तार
नवंबर 2014 में अदालत ने रामपाल के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया था और 10 नवंबर को रामपाल को अदालत में पेश होने का आदेश दिया था. इसके बाद रामपाल के समर्थकों ने उन्हें अस्वस्थ बताकर अदालत में पेश नहीं होने दिया था.
19 नवंबर को पुलिस ने रामपाल को गिरफ्तार करना चाहा तो उसी दौरान समर्थकों का पुलिस के साथ टकराव हुआ था. इसमें 6 लोगों की मौत हो गई थी. पुलिस ने 20 नवंबर को आश्रम खाली करवा कर अपने कब्जे में ले लिया था.
11 अक्टूबर 2018 को हत्या के मामलों में रामपाल समेत 22 लोगों को दोषी करार दिया गया था. इन्हें इस मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. जबकि देशद्रोह के मामले में अभी भी कोर्ट में सुनवाई जारी है.
करोथा में था रामपाल का आश्रम
रामपाल बरवाला में करोथा में आश्रम चलाते थे. वो हरियाणा सरकार में जूनियर इंजीनियर थे और साल 2000 में हरियाणा सरकार ने लापरवाहियों के चलते उन्हें बर्खास्त कर दिया था. रामपाल के आश्रम में सभी कमरे एयर कंडीशनर थे और प्रवचन गृह में कई एलईडी लगी हुई थीं. आज भी इनके नाम से कई आश्रम हैं और लाखों की तादाद में समर्थक हैं.