इस्तीफा दे चुके चेयरमैन दीपक पारेख का 45 साल पुराना ऑफर लेटर

Update: 2023-07-06 03:30 GMT

एचडीएफसी और एचडीएफसी बैंक के बीच विलय के बाद इसके चेयरमैन दीपक पारेख ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इतना ही नहीं उन्होंने ग्रुप के कर्मचारियों के साथ एक भावनात्मक चिट्ठी भी साझा की। इस बीच एचडीएफसी बैंक में उनके पहले ऑफर लेटर की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है। इस चिट्ठी की तारीख 19 जुलाई 1978 है और इसमें पारेख की तनख्वाह से लेकर उनके अनुबंध तक की जानकारी दी गई है।

अमर उजाला सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे पारेख के इस कथित ऑफर लेटर की सत्यापन नहीं करता। इस लेटर के मुताबिक, एचडीएफसी बैंक में उनकी नियुक्ति डिप्टी जनरल मैनेजर के तौर पर हुई थी। पारेख को 3500 रुपये की बेसिक सैलरी और 500 रुपये का महंगाई भत्ता मिलना तय किया गया था। 45 साल पुराने इस लेटर में के मुताबिक, उनकी सैलरी में 15 फीसदी हाउसिंग रेंट अलाउंस (एचआरए) और 10 फीसदी शहरी मुआवजा भत्ता (सीसीए) शामिल थे।

नाम के साथ जुड़ीं कई उपलब्धियां

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के बैंकों के लिए उम्र से जुड़े नियम बनाने की वजह से एचडीएफसी में 45 साल लंबे करियर के बाद अब पारेख बैंक के बोर्ड में भी नहीं होंगे। पारेख को पांच कंपनियों को सार्वजनिक करने के लिए भी श्रेय दिया जाता है। इतना ही नहीं एचडीएफसी ने उनके नेतृत्व में 90 लाख से ज्यादा भारतीयों को होम लोन मुहैया कराए हैं।

एचडीएफसी की आखिरी बैठक में क्या बोले थे पारेख

एचडीएफसी बैंक ने पिछले साल 4 अप्रैल को लगभग 40 अरब डॉलर के सौदे में सबसे बड़े घरेलू बंधक ऋणदाता का अधिग्रहण करने पर सहमति व्यक्त की थी। प्रस्तावित इकाई का संयुक्त परिसंपत्ति आधार करीब 18 लाख करोड़ रुपये होगा। इसके बाद ही दीपक पारेख ने बोर्ड की आखिरी बैठक में कहा था कि अब संन्यास लेने का समय आ गया है। अब हम विकास और समृद्धि के रोमांचक भविष्य की ओर बढ़ रहे हैं। समूह के स्वामित्व की कमान बैंक के हाथ में आने से एचडीएफसी बैंक व समूह की कंपनियों के बीच तालमेल गहरा होगा। एचडीएफसी बैंक होम लोन ग्राहकों को बेहतर सेवा देगा। 

78 वर्षीय दीपक पारेख को एचडीएफसी बैंक में कॉरपोरेशन प्रोविडेंट फंड, ग्रैच्युटी, मेडिकल लाभ, यात्रा सुविधाएं और घर पर लगे फोन का खर्च भी मुहैया कराने से जुड़ी जानकारी इस लेटर में हैं। 

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