भोपाल: किसी न किसी अपराध की सजा काट रहे भोपाल सेंट्रल जेल में बंद कैदी अब पंडित बनकर समाज को नई दिशा देंगे. ये बात हैरान करने वाली है, लेकिन सच है. इसके लिए भोपाल जेल प्रशासन और गायत्री शक्तिपीठ युवा प्रकोष्ठ ने एक पहल की है. इसके तहत जेल में बंद कैदियों को धार्मिक अनुष्ठान कराने के लिए ट्रेनिंग दी जा रही है.
जेल में हत्या समेत कई अलग-अलग गंभीर मामलों में सजा काट रहे आरोपीयों को दुनिया मे अलग पहचान मिल सके और उनके जीवन स्तर बेहतर हो सके इस उद्देश्य से प्रशासन की ओर से प्रशिक्षण दिया जा रहा है. इसमें कैदियों को कर्मकांड, शादी, जनेऊ संस्कार, हवन, सत्यनारायण की कथा समेत कई धार्मिक अनुष्ठान करना आने लगा है.
धार्मिक पूजा पाठ कराने वाले पंडितों की तरह अब कैदियों के मुख से भी भगवान के मंत्र निकल रहे हैं. जेल प्रशासन के साथ गायत्री शक्तिपीठ युवा प्रकोष्ठ ने भोपाल सेंट्रेल जेल में योग पुरोहित प्रशिक्षण सत्र आयोजित किया है. इसी दौरान कैदियों को धार्मिक अनुष्ठान करने की ट्रेनिंग उपलब्ध कराई गई. फिलहाल 40 कैदियों को पुरोहित की ट्रेनिंग दी गई है.
जेल अधीक्षक दिनेश नरगावे ने बताया कि जेल में कैदियों का भगवान की तरफ रुझान जल्दी होता है, धार्मिक अनुष्ठानों की ट्रेनिंग उपलब्ध कराने के पीछे उद्देश्य है कि जब वह जेल से बाहर जाए तो बेहतर नागरिक बन सकें और समाज के निर्माण में अपना योगदान दे सकें. इसके साथ ही ऐसे कार्यक्रमों से जेल में एक पॉजिटिव वातावरण का निर्माण होता है.