धर्म परिवर्तन के आरोप में दो नन सहित 4 महिला यात्रियों को ट्रेन से उतारा, PMO से की शिकायत
दो नन समेत चार महिला यात्रियों ट्रेन से उतारा
जनता से रिशता वेबडेस्क: झांसी, उत्तर प्रदेश के झांसी में केरल की दो नन समेत चार महिला यात्रियों को ट्रेन से जबरन उतरकर धर्म परिवर्तन कराने के आरोप में पूछताछ करने का मामला सामने आया है। महिलाओं को ट्रेन से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के कुछ कार्यकर्ताओं ने उतरवाया। घटना 19 मार्च की है जब महिला यात्री हजरत निजामुद्दीन से पुरी जाने वाली उत्कल एक्सप्रेस से यात्रा कर रही थीं। हालांकि, जांच के बाद सभी आरोप झूठ साबित हुए। ननों के विरुद्ध हुई इस कार्रवाई से आक्रोशित केरल कैथलिक बिशप काउंसिल (केसीबीसी) ने प्रधानमंत्री कार्यालय और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मामले की शिकायत की है, तो वहीं केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने भी गृह मंत्री अमित शाह से हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है।
19 मार्च को दिल्ली के विकासपुरी में रह रहीं दो नन लीबिया थॉमस और हेमलता अन्य दो युवतियों श्वेता औऱ बी. तरंग के साथ उत्कल एक्सप्रेस से ओडिशा के राउरकेला के लिए यात्रा कर रही थीं। ट्रेन ग्वालियर स्टेशन से थोड़ा आगे निकली तो उसी ट्रेन में यात्रा कर रहे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कुछ कार्यकर्ताओं की नजर धार्मिक परिधान पहने दो युवतियों पर पड़ी। उनके साथ दो युवतियां सादे वेश में थीं। उन्होंने बातचीत करने का प्रयास किया तो युवतियों ने इनकार कर दिया।
दोनों नन सादे कपड़ों में बैठीं दोनों युवतियों के बारे में भी नहीं बता रही थीं, जिस पर कार्यकर्ताओं को जबरन धर्म परिवर्तन कराने का शक हुआ और उन्होंने हिंदू संगठन के स्थानीय नेता सहित अन्य कार्यकताओं को बुलवाकर राजकीय रेलवे पुलिस को सूचना दे दी। ट्रेन जैसे ही झांसी पहुंची, जीआरपी ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नेता अजय शंकर तिवारी की शिकायत के आधार पर चारों युवतियों को ट्रेन से उतार लिया और थाने लाकर पूछताछ की।
युवतियों और उनके स्वजन से जानकारी करने के बाद जीआरपी ने धर्मांतरण जैसे किसी भी मामले से साफ इनकार करते हुए अगली ट्रेन से युवतियों को जाने दिया। घटना की जानकारी मिलने पर केरल के कैथलिक बिशप काउंसिल ने प्रधानमंत्री कार्यालय और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से ईसाई नन व अन्य दो युवतियों को परेशान करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है।
केरल के कैथलिक बिशप काउंसिल के प्रवक्ता जेकब ने कहा कि हमने राष्ट्रीय महिला आयोग, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग व अल्पसंख्यक आयोग को भी पत्र लिखा है। प्रभारी निरीक्षक जीआरपी झांसी के सुनील कुमार सिंह ने बताया कि कंट्रोल रूम को मिली शिकायत के आधार पर युवतियों को पूछताछ के लिए उतारा गया था। जानकारी करने पर धर्म परिवर्तन जैसा कोई मामला सामने नहीं आया था।