असम। असम की हेमंत बिस्वा सरमा की सरकार के आगे शुक्रवार को आदिवासी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (APLA) के कुल 39 एक्टिव कैडरों ने असम राइफल्स और बोकाजन पुलिस स्टेशन के सामने अपने हथियार डाल दिए. यह जानकारी आधिकारिक बयान में सामने आई है. बताया गया है कि एपीएलए के एक्टिव कैडरों ने ‘ऑपरेशन समर्पण’ के तहत 3 एके सीरीज की राइफलें, 19 पिस्तौल, 5 अन्य राइफलें, दो ग्रेनेड और गोला बारूद सहित कुल 31 हथियारों को सरेंडर किया है. कहा गया है कि महानिरीक्षक असम राइफल्स (उत्तर) और स्पीयर कॉर्प्स के तत्वावधान में असम पुलिस के साथ मिलकर किए गए प्रयासों से इन कडरों ने आज शांति और समृद्धि का रास्ता चुना है. इससे पहले 26 मई को कांगलीपाक कम्युनिस्ट पार्टी (केसीपी)- पीपुल्स वार ग्रुप के पांच कैडरों ने पुलिस की मौजूदगी में मणिपुर के सोमसई, उखरूल में आत्मसमर्पण किया था.
असम राइफल्स का कहना है कि वह मुख्य धारा में लौटने और सुखी और शांतिपूर्ण जीवन जीने के लिए सही रास्ता चुनने के फैसले के लिए युवाओं की सराहना करती है और ये फैसला उन सभी को प्रभावित करता है जिन्होंने गलत रास्ता चुना. आत्मसमर्पण करने वाले कैडरों के परिवारों ने अपने प्रियजनों को सुरक्षित परिवार के पास वापस लाने के लिए सुरक्षाबलों के प्रति आभार व्यक्त किया. APLA प्रमुख साहिल मुंडा ने आत्मसमर्पण किया है. उसका कहना है कि उसके ग्रुप का गठन 2019 में लगभग 125 सदस्यों के साथ आदिवासी नेशनल लिबरेशन आर्मी (ANLA) के अलग-अलग गुट के रूप में किया गया था. उसने व्यक्तिगत कारणों के चलते एएनएलए से दूरी बना ली थी. मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के नेतृत्व वाली सरकार में हो रहे विकास और आदिवासी समुदाय की समस्याओं को दूर करने के लिए किए जा रहे काम को देखने के बाद मुख्य धारा में वापस का फैसला किया है. संगठन के करीब 40 मेंबर्स को अभी भी हथियार डालने हैं, जबकि कई अन्य सलाखों के पीछे हैं.