प्रयागराज में 5 साल में 34 कत्ल, सभी वारदातों में कत्ल का तरीका एक जैसा

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Update: 2022-04-24 14:03 GMT

प्रयागराज: यूपी के प्रयागराज के गंगापार इलाके के थरवाई खेवराजपुर गांव में शनिवार की सुबह की शुरुआत चीख-पुकार के साथ हुई, क्योंकि मसला ही ऐसा था. गांव के ही रहने वाले एक पूरे परिवार को बहुत बेरहमी से कत्ल कर दिया गया. यही नहीं कातिलों ने सबूत मिटाने के लिए घर में आग भी लगा दी थी. पुलिस इस मामले की अभी जांच कर रही है. पुलिस ने 12 संदिग्ध लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है. पुलिस घटना की हर एंगल से जांच में जुटी हुई है.

शनिवार को हुए इस हत्याकांड से पहले भी गंगा पार इलाके में कई परिवारों को कातिलों ने खत्म कर दिया. इन सभी वारदातों में सबसे खास बात कातिलों का कत्ल करने का तरीका पिछले 5 सालों में एक ही रहा है. अब तक कई खुलासे पुलिस ने कर तो दिए हैं, लेकिन फिर उसी तरीके से कातिलों का कत्ल की वारदात को अंदाम देना, ये सवालों के घेरे में है.
5 साल में कई परिवार खत्म, कत्ल का तरीका एक जैसा
थरवई इलाके में एक ही परिवार के कई लोगों का कत्ल गंगापार इलाके के लिए कोई नई बात नहीं है. साल 2017 में गंगा पार इलाके के जुड़ा पुर गांव में एक ही परिवार के 4 लोगों की हत्या करने का सिलसिला शुरू हुआ था. जो साल 2022 तक गंगापार इलाके में जारी है.
प्रयागराज के खेवराजपुर में शनिवार को हुई हत्या में कातिलों का तरीका साल 2017 में हुई वारदात की तरह ही है. साल 2017 से 2022 तक 8 परिवार खत्म हुए, जिसमें से 34 लोगों का कत्ल हुआ है. बूढ़ें हो या जवान, महिलाएं हो या बच्चे... बेरहम कातिलों ने किसी को नहीं बख्शा. 5 साल में हुए हत्याकांड के इन मामलों में 2 बच्चे इसलिए बच गए क्योंकि कातिल उनको देख नहीं पाए.
साल 2018 में बिगहिया गांव में एक ही परिवार के 4 लोगों का कत्ल हुआ था जिसमें 6 महीने की बेटी बच गई. जबकि इसी तरह साल 2022 में थरवई में एक ही परिवार के 5 लोगों की हत्या हुई. जिसमें 5 साल की बच्ची बच गई क्योंकि कातिल बच्ची को देख नहीं पाए.
इन सभी हत्याओं में एक परिवार को छोड़कर बाकी सभी परिवारों के लोगों के हुए कत्ल में एक चीज कॉमन थी. अधिकतर लोगों को लोहे की रॉड या धारदार हथियार या फिर ईंट-पत्थर से कुच कर हत्या की गई थी.
जानिए- 5 साल में कब और कैसे हुईं हत्याएं
पहली घटना: 24 अप्रैल 2017 को नवाबगंज के जूड़ापुर गांव में हुई. नवाबगंज के जूड़ापुर गांव में व्यापारी उसकी पत्नी दो बेटियों की नृशंस हत्या कर दी गई. बेटियों से रेप की बात भी सामने आई. पुलिस ने नामजद को जेल भेजा था.
दूसरी घटना: 19 मार्च 2018 में नवाबगंज थाने के नवाबगंज के शहावपुर उर्फ पसियापुर गांव में सुशीला देवी दो बेटे सुनील और अनिल की नृशंस हत्या कर दी गई.
तीसरी घटना: 7 सितंबर 2018 के बिगहियां गांव में हुई थी. सोरांव के बिगहियां गांव में कमलेश देवी, बेटी, दामाद प्रताप नारायण सहित उसके नाती विराट की हत्या की गई. इस हमले में केवल एक मासूम बच्ची जिंदा बची.
चौथी घटना: 5 जनवरी 2020 को सोरांव के यूसुफपुर गांव में 5 लोगों की नृशंस हत्या कर दी गई. सोरांव थाने के यूसुफपुर गांव में विजय शंकर तिवारी, बेटे सोनू,बहू सोनी और पोते कान्हा और कुंज की हत्या की गई. परिजनों ने प्रधान समेत अन्य को नामजद किया था. पुलिस ने बिहार के छह लोगों को मामले में आरोपी बनाया.
पांचवीं घटना: गंगा पार इलाके के होलागढ़ शुकुलपुर मजरा में 2 जुलाई 2020 को हुई. इसमें भी 4 लोगों की हत्या की गई. होलागढ़ के शुकुलपुर मजरा निवासी विमलेश पांडेय, बेटे प्रिंस, बेटी श्रेया और शीबू की गला रेत कर हत्या कर दी गई. बदमाशों ने विमलेश की पत्नी उषा पर हमला किया. जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गई थी. इस मामले में पुलिस ने छेमार गैंग के बदमाशों को गिरफ्तार कर मामले का खुलासा करने का दावा किया था.
छठवीं घटना: 25 अक्टूबर 2021 को गोहरी में एक ही परिवार के 4 लोगों की हत्या कर दी. गोहरी में दलित परिवार के 4 लोगों की हत्या की गई थी. बेटी के साथ गैंगरेप भी हुआ था. परिवार ने गांव के कुछ लोगों को नामजद किया था पुलिस ने हालांकि उन्हें क्लीन चिट दे दी.
सातवीं घटना: 2022 में 16 अप्रैल को नवाबगंज के खागलपुर में एक परिवार के 5 लोगों की सामूहिक हत्या की खबर मिली. इसमें 4 लोगों की धारदार हथियार से हत्या की गई थी. जबकि एक व्यक्ति फांसी पर लटका मिला था. 16 अप्रैल की सुबह पुलिस को सूचना मिली कि नवाबगंज के खागलपुर में एक परिवार के 5 लोगों की हत्या कर दी गई है. पुलिस जब मौके पर पहुंची तो यहां पर पशु व्यापारी राहुल तिवारी फांसी के फंदे पर लटका मिला. उसकी पत्नी प्रीति और तीन बेटियों के शव खून से लथपथ बिस्तर पर पड़े थे. पुलिस ने दावा किया कि राहुल ने कत्लेआम करके फांसी लगा ली.
आठवीं हत्या: सामूहिक की हत्या की आठवीं वारदात 23 अप्रैल को थरवई थाने इलाके के खेवराजपुर गांव में हुई. जहां पर पशु व्यापारी राजकुमार यादव पत्नी कुसुम, बेटी,बहू और एक मासूम बच्ची की हत्या कर दी गई. हत्यारोपियों ने घर में आग भी लगा दी. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से पता चला है कि बहू गर्भवती थी सभी की हत्या सिर पर धारदार हथियार व ईंट पत्थर से प्रहार कर की गई थी.
गंगापार इलाके में हुए कत्लेआम के ज्यादातर मामलों में पुलिस खुलासा नहीं कर पाई है. प्रयागराज में शनिवार को हुई घटना में एसएसपी अजय कुमार का दावा है कि अभियुक्तों की तलाश में पुलिस को जरूरी सुराग मिले हैं. जिसमें 12 संदिग्ध लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है. एसएसपी ने पूरे मामले का जल्द पर्दा उठाने का दावा किया है.
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