रिटायर्ड मेजर जनरल से 2 करोड़ की ठगी, 3 साइबर ठग गिरफ्तार

ऐसे फंसाया.

Update: 2024-10-12 11:56 GMT
नोएडा: थाना साइबर क्राइम नोएडा पुलिस ने रिटायर्ड मेजर जनरल को डिजिटल अरेस्ट कर 2 करोड़ रुपयों की ठगी करने वाले कानाराम गुर्जर, ललित कुमार व सचिन कुमार को जयपुर से गिरफ्तार किया है।
पुलिस ने जानकारी देते हुए बताया है कि नोएडा के सेक्टर 31 में रहने वाले रिटायर्ड मेजर जनरल ने 27 अगस्त को साइबर सेल में अपने साथ हुई 2 करोड़ की धोखाधड़ी के मामले में शिकायत दर्ज करवाई थी। उन्होंने अपनी शिकायत में बताया था कि साइबर अपराधी ने अपने सहअभियुक्तों के साथ मिलकर उनसे डीएचएल कोरियर सर्विस का कर्मचारी बनकर उसके मोबाइल एवं आईडी का प्रयोग मनी लांड्रिंग में किए जाने और उसकी जांच साइबर क्राइम मुंबई द्वारा किए जाने का भय दिखाया था।
साइबर अपराधियों ने फर्जी डीसीपी राजपूत बनकर रिटायर्ड मेजर जनरल को स्काइप ऐप डाउनलोड कराकर वीडियो काल कर डिजिटल कस्टडी में लिया था और उनकी एफडी ब्रेक कर धनराशि को फर्जी बैंक खाते में जमा कराई थी।
पुलिस पूछताछ में आरोपियों से पता चला है कि ये गैंग सीनियर सिटीजन और रिटायर्ड अधिकारी को कॉल करके स्वयं पुलिस अधिकारी बनकर उनको स्काइप कॉल के माध्यम से डिजिटल अरेस्ट कर समझौता कराने के नाम धोखाधड़ी करते हैं। ये गैंग इस रकम को जयपुर, जोधपुर के अधिकतर पीजी में तैयारी कर रहे विद्यार्थियों और रेस्टोरेन्ट आदि पर कार्य करने वाले व्यक्तियों से सम्पर्क कर उन्हे कमीशन के नाम पर उनका अकाउंट इस्तेमाल कर उसमे रकम ट्रांसफर करते थे।
इस गैंग के अहम सदस्य राजकुमार को मुंबई पुलिस 2 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया है। आरोपी सचिन ने पूछताछ में बताया है कि उसके द्वारा जो खाते उपलब्ध कराये गये है, उनके खिलाफ एनसीआरपी पोर्टल पर कुल 76 (तमिलनाडु-8, कर्नाटक-20, महाराष्ट-13, तेलंगाना-7, आन्ध प्रदेश-5, दिल्ली-3, ,हरियाणा-3, पश्चिम बंगाल-3, गुजरात-2, झारखंड-2, केरल-2, उडीसा-2, राजस्थान-2, उत्तर प्रदेश-2, छत्तीसगढ़-1, उत्तराखंड-01,) शिकायतों का होना पाया गया है।
साइबर सेल ने आम जनता के लिए कुछ सुझाव साझा किए हैं। जिनके मुताबिक डिजिटल अरेस्ट- पुलिस किसी को भी फोन काल पर डिजिटल अरेस्ट नहीं करती है। आरबीआई या किसी अन्य संस्था द्वारा फिजिकल मनी का आपके खाते से सत्यापन नहीं किया जाता है। ऐसा कोई सरकारी बैंक खाता या आरबीआई का एसएसए (सीक्रेट सुपरविजन अकाउंट) खाता नहीं है जिसमें आपसे पैसे ट्रांसफर कराकर उस पैसे की जांच की जाती हो। इस तरह से सीबीआई अधिकारी, साइबर अधिकारी, आरबीआई या किसी अन्य संस्था का अधिकारी बनकर आपके पास फोन कॉल, इंटरनेट स्काइप, जूम विडियो कॉल आती है और जांच के नाम पर पैसे को ट्रांसफर करने के लिए कहा जाता है या मनी लॉन्ड्रिंग के केस का भय दिखाया जाता है तो तत्काल अपने निकटवर्ती थाना से संपर्क करें। तथा साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें।
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