NEET पेपर लीक मामले में प्रिंसिपल समेत 3 Arrest, एक पत्रकार भी शामिल
सभी आरोपियों से पूछताछ जारी
New Delhi. नई दिल्ली। NEET पेपर लीक मामले में ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल डॉ एहसान-उल-हक और सेंटर सुप्रिटेंडेट इम्तियाज को सीबीआई CBI ने आज गिरफ्तार कर लिया. डॉ एहसान नीट एग्जाम हजारीबाग के डिस्ट्रिक कोऑर्डिनेटर भी थे. सीबीआई गुरुवार को पूछताछ के लिए हजारीबाग के चरही गेस्ट हाउस लेकर पहुंची थी. सीबीआई की टीम ने पहले एहसान-उल-हक से इसी गेस्ट हाउस में पूछताछ की. बता दें कि पिछले चार दिनों से सीबीआई की टीम हजारीबाग में नीट प्रश्नपत्र लीक मामले की जांच कर रही है. बुधवार को ओएसिस स्कूल में जांच के बाद सीबीआई टीम ने प्रिंसिपल एहसान उल हक को हिरासत में ले लिया था।
दरअसल, नीट पेपर लीक मामले की जांच के दौरान बिहार पुलिस को गिरफ्तार अभ्यर्थियों के घर से अधजले कागजात मिले थे, इसमें प्रश्नपत्र की फोटोकॉपी भी थी. इसके बाद बिहार की आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने इन जले हुए कागजात का मिलान एनटीए द्वारा उपलब्ध कराए गए मूल प्रश्नपत्र से किया, जिसमें अधजले कागजात में 68 प्रश्न मूल प्रश्नपत्र से हूबहू पाए गए. आगे की जांच में सामने आया कि पुलिस को जो प्रश्नपत्र मिले हैं, वे हजारीबाग के ओएसिस स्कूल के बुकलेट से मेल खाते हैं. इसके बाद से ही ओएसिस स्कूल पर सीबीआई की नजर है.
इस मामले को लेकर प्रिंसिपल एहसान उल हक ने आजतक पर सफाई देते हुए खुद को बेकसूर बताया था. लेकिन EOU सूत्रों के मुताबिक उनकी भूमिका संदिग्ध है. बता दें कि ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल एहसान उल हक CBSE के सिटी कोऑर्डिनेटर भी हैं. उनके पास चार जिले हजारीबाग, चतरा, कोडरमा और रामगढ़ के सेंटर आते हैं, जहां CBSE कई एग्जाम कंडक्ट कराती है. हजारीबाग ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल ने कहा था कि मैं एनटीए में सिटी कॉर्डिनेटर हूं. मेरा रोल बहुत ही छोटा होता है कि मुझे बैंक से पेपर को बक्से को रिसीव करना होता है. इसके बाद सुनिश्चित करना कि सारे पेपर्स को कंट्रोल रूम में रखा जा सके. इस रूम में एनटीए के सीसीटीवी लगे होते हैं. यह रूम लॉक रहता है, यहां पर कई सारे इनविजिलेटर होते हैं. हमारा काम होता है सारे सेंटर्स पर राउंड लगाना ताकि कहीं कोई गड़बड़ी ना हो. इसके बाद आखिरी जिम्मेदारी हमारी होती है बक्सों को एनटीए को सौंप देना.
NEET पेपर लीक केस में शुक्रवार (28 जून) को झारखंड के हजारीबाग से CBI ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया। ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल एहसान उल हक, वाइस प्रिंसिपल इम्तियाज और पत्रकार जमालुद्दीन को गिरफ्तार किया गया है। एजेंसी तीनों को झारखंड से बिहार ला रही है। इस केस में 27 जून को बिहार के पटना से एजेंसी ने 2 लोगों को अरेस्ट किया था। एहसान उल हक समेत 3 लोगों से CBI ने शुक्रवार को दिनभर पूछताछ की। उन्हें स्पॉट पर ले जाकर टीम सबूत पुख्ता करेगी। CBI और पुलिस सूत्रों के मुताबिक, 3 मई को NEET के क्वेश्चन पेपर कूरियर एजेंसी ब्लू डार्ट के हजारीबाग नूतन नगर सेंटर से बैंक ले जाने की बजाय पहले ओएसिस स्कूल लाए गए। इसके बाद यहां से बैंक भेजे गए। संदेह है कि क्वेश्चन पेपर का पैकेट स्कूल में ही खोला गया। आज जब स्कूल में पूछताछ चल रही थी, तब FSL की टीम को भी बुलाया गया। टीम ने भी कुछ सबूत इकट्ठे किए हैं। एक अन्य जानकारी यूजीसी नेट से भी जुड़ी है जो इसी स्कूल की है।
यूजीसी नेट परीक्षा भी इसी सेंटर पर हुई थी। इसी स्कूल से नेट के प्रश्नपत्र लीक होने का शक भी है। आज टीम ने स्कूल के वाइस प्रिंसिपल सह सेंटर सुपरिंटेंडेंट इम्तियाज आलम का एक मोबाइल और लैपटॉप जब्त किया है। एजेंसी को शक है कि ओएसिस स्कूल से ही पेपर लीक किया गया है। पटना में शुक्रवार को CBI आरोपी चिंटू और मुकेश को साथ लेकर उनके दोस्त रॉकी के घर पहुंची। बताया जा रहा है कि पटना के कंकड़बाग में रॉकी के घर से कई सबूत हाथ लगे हैं। चिंटू की देवघर में गिरफ्तारी के बाद रॉकी फरार हो गया था। CBI ने चिंटू, मुकेश, आशुतोष और मनीष कुमार के मोबाइल की जांच की। पता चला कि ये सभी आरोपी पिछले 6 महीने से आपस में संपर्क में थे। हर आरोपी को अलग-अलग जिम्मेदारी दी गई थी। इससे पहले NEET पेपर लीक मामले में CBI ने गुरुवार को 2 आरोपी मनीष प्रकाश और आशुतोष को पटना से गिरफ्तार किया था। दोनों ने ही पटना के प्ले एंड लर्न स्कूल को रात भर के लिए बुक कराया था। इसी स्कूल में 20 से 25 कैंडिडेट्स को इकट्ठा करके आंसर रटवाया गया। यहीं जली बुकलेट के टुकड़े मिले थे। केंद्रीय जांच एजेंसी पिछले 3 दिन से 11 लोगों से पूछताछ कर रही है। CBI ने बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (EOU) से 26 जून को यह केस अपने हाथ में लिया था। अब तक 5 राज्यों में पुलिस ने 27 से ज्यादा गिरफ्तारियां की हैं।