Uttarakhand News: एक कंपनी की शराब सप्लाई का लाइसेंस दिलाने का झांसा देकर 25 लाख रुपये हड़प लिए गए। बसंत विहार थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। मैनपाल सिंह निवासी द्रोणपुरी कांवली ने बताया कि अप्रैल 2023 में एक सामाजिक कार्यक्रम में उनकी मुलाकात सुशील चौधरी निवासी शामली से हुई।
सुशील ने उन्हें किजांश स्प्रिट प्राइवेट लिमिटेड के बारे में बताया और उन्हें उत्तराखंड में शराब उत्पादों का वितरक बनने का झांसा दिया। इस सिलसिले में सुशील ने मैनपाल की मुलाकात कंपनी के प्रतिनिधि बताते हुए नवीन सिंह से कराई। 19 मई 2023 को मैनपाल ने कंपनी के साथ एग्रीमेंट किया और पांच लाख रुपये का अग्रिम राशि का चेक दिया।
सात जुलाई 2023 को कंपनी के दबाव में आकर 20 लाख रुपये आरटीजीएस के जरिए कंपनी के खाते में जमा किए। मैनपाल ने आरोप लगाया है कि कंपनी ने न तो उत्तराखंड में उत्पादों की बिक्री के लिए लाइसेंस दिया और न ही कोई कर्मचारी नियुक्त किए। जब उन्होंने 25 लाख रुपये वापस मांगने की कोशिश की तो कंपनी के कर्मचारी ने फोन उठाना बंद कर दिया।
बाद में पता चला कि कंपनी ने नोएडा स्थित अपना ऑफिस भी बदल लिया है। शिकायत में कंपनी के निदेशकों और एजेंटों पर फर्जी एग्रीमेंट बनाकर धोखाधड़ी करने का आरोप है। पुलिस ने हरेंद्र सिंह रौतेला, जयंती रौतेला, नवीन सिंह, सुशील चौधरी को आरोपी बनाते हुए केस दर्ज किया है। बसंत विहार थानाध्यक्ष महादेव उनियाल ने बताया कि साक्ष्यों के आधार पर आरोपों की जांच की जा रही है।