बागेश्वर (आईएएनएस)| उत्तराखंड एक पर्वतीय राज्य है जिसमें लगभग 70 प्रतिशत हिस्सा पहाड़ है, तो 30 प्रतिशत हिस्सा मैदान है। पहाड़ के सरकारी स्कूलों का हाल किसी से छिपा नहीं है, लेकिन यहां कुछ शिक्षक ऐसे भी हैं, जिन्होंने शिक्षा को सिर्फ नौकरी न मानकर अपना मिशन बनाया है। और इस पर वो लगातार काम भी कर रहे हैं। बागेश्वर के कपकोट में स्थित प्राइमरी स्कूल के प्रधानाचार्य ख्याली दत्त शर्मा ऐसी ही शख्सियत हैं। इनके स्कूल के एक दो नहीं बल्कि पूरे 22 बच्चे सैनिक स्कूल के लिए चयनित हुए हैं। ख्याली दत्त शर्मा बच्चों को फ्री कोचिंग देते हैं, ताकि वो हर कंपटीशन में आगे रह सकें। बीते महीने सैनिक स्कूल में प्रवेश के लिए एंट्रेंस हुआ था जिसमें राजकीय आदर्श प्राथमिक विद्यालय कपकोट के 22 बच्चे चयनित हुए।
एक ही स्कूल के 22 बच्चों का सैनिक स्कूल के लिए चुना जाना बड़ा कीर्तिमान है। पूरे देश में कपकोट के सरकारी स्कूल की चर्चा हो रही है। कपकोट के प्रधानाध्यापक ख्याली दत्त शर्मा के साथ ही शिक्षक मंजू गढ़िया, हरीश ऐठानी और अजय तिवारी सुबह छह बजे से रात 10 बजे तक अध्यापन के लिए उपलब्ध रहते हैं।
शिक्षक छह घंटे की ड्यूटी के बाद सात से आठ घंटे तक स्कूल में रहकर बच्चों की एक्स्ट्रा क्लास लेते हैं। उन्हें प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भी निशुल्क तैयारी कराते हैं।
एक और जहां दूसरे सरकारी स्कूलों में छात्र घट रहे हैं तो वहीं कपकोट के प्राइमरी स्कूल में एडमिशन के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है। कपकोट प्राइमरी स्कूल की नींव 1872 में पड़ी थी। हर साल यहां के 5-6 बच्चे सैनिक स्कूल घोड़ाखाल के लिए चुने जाते रहे हैं, लेकिन इस बार सारे रिकॉर्ड टूट गए। यहां के कई छात्रों का चयन नवोदय विद्यालयों के लिए भी हुआ है।
जवाहर नवोदय में 30 और राजीव नवोदय विद्यालयों में 20 बच्चे पढ़ रहे हैं। हिम ज्योति देहरादून के लिए 17 बच्चों का चयन हुआ है। कपकोट के इस सरकारी स्कूल ने साबित कर दिया कि अगर शिक्षक ठान लें तो साधारण स्कूल भी नए कीर्तिमान रच सकते हैं।