सिंथेटिक ड्रग्स की तस्करी करने वाले 2 तस्कर गिरफ्तार
30 करोड़ का माल बरामद
वाराणसी। सिंधोरा के एक मकान में सिंथेटिक ड्रग्स बनाकर उसकी विभिन्न राज्यों में सप्लाई भेजी जाती थी. ठाणे (महाराष्ट्र) पुलिस ने अपने यहां दर्ज मुकदमें में विवेचना के दौरान आरोपियों के वाराणसी में होने की खबर मिली तो यूपी-एसटीएफ से संपर्क साधा. जिसके बाद टीम ने शनिवार को छापेमारी कर सिंथेटिक ड्रग्स बनाने का कारखाना पकड़ा. पुलिस ने मौके से दो को गिरफ्तार कर 2500 ग्राम नशीला सिंथेटिक ड्रग्स मेफेड्रोन (म्याऊं-म्याऊं) जिसकी कीमत 30 करोड़ बताई गई है बरामद की गई. एसटीएफ ने कारखाने से भारी मात्रा में ड्रग्स बनाने के उपकरण व तैयार किए गए ड्रग्स और केमिकल बरामद किया।
ठाणे (महाराष्ट्र) पुलिस ने 30 जनवरी 2024 में कुछ स्मगलर को पकड़कर नारकोटिक्स एक्ट में मुकदमा पंजीकृत किया था. पुलिस को सूचना मिली की कारोबार का सरगना ओम गुप्ता उर्फ मोनू निवासी नाला सोपाड़ा वाराणसी में छिपकर रह रहा है. सूचना पर यूपी एसटीएफ के वाराणसी यूनिट के इंस्पेक्टर अनिल कुमार सिंह ने सूचनाएं एकत्रित किया तो पता चला कि भगवतीपुर (मझवां) थाना सिन्धोरा वाराणसी के प्रदीप प्रजापति के मकान में सिंथेटिक ड्रग्स बनाने का कारोबार चल रहा है. एसटीएफ ने जब मकान को घेरकर पकड़ा तो ड्रग्स बनाने में शामिल दो संतोष गुप्ता उर्फ बल्ली निवासी तिवारीपुर (बडागांव) वाराणसी और अतुल सिंह निवासी मुवारी खुर्द (बडागांव) वाराणसी को गिरफ्तार किया है।
गिरफ्तार अतुल ने पूछताछ पर बताया कि ओम गुप्ता उर्फ मोनू निवासी विनायक नगर, नाला सोपारा, मुम्बई (महाराष्ट्र) मादक पदार्थ की तस्करी करने वाले गैंग का सरगना है. जो ठाणे, मुम्बई व आस-पास के इलाके में मादक पदार्थ की तस्करी का गैंग चलाता है. जनवरी 2024 में इसके गैंग के 3 सदस्यों को ठाणे (महाराष्ट्र) पुलिस ने गिरफ्तार करते हुए उनके पास से लगभग 32 लाख रूपये का सिन्थेटिक मादक पदार्थ बरामद किया गया था. इस संबंध में थाना कसावडावली जिला ठाणे में अभियोग पंजीकृत हुआ था, जिसमें ओम गुप्ता उर्फ मोनू गुप्ता वांछित चल रहा है. इसके गैंग के गिरफ्तार तीनों सदस्यों ने ठाणे पुलिस को बताया था कि ओम गुप्ता उर्फ मोनू नशीला सिंथेटिक ड्रग्स जनपद वाराणसी में तैयार कराता है जिसे मुम्बई व ठाणे आदि जिलों में अपने कैरियरों के माध्यम से सप्लाई कराता है।
गिरफ्तार आरोपी संतोष गुप्ता उर्फ बल्ली ने पूछताछ में बताया कि उसकी मुलाकात ओम गुप्ता उर्फ मोनू से मुम्बई में हुई थी. ओम गुप्ता उर्फ मोनू ने उससे जनपद वाराणसी में सिन्थेटिक ड्रग्स तैयार करने के लिये एक सुरक्षित मकान देखने के लिये कहा. इस पर संतोष गुप्ता उर्फ बल्ली अपने साथी अतुल सिंह से सम्पर्क किया. उसने अतुल सिंह के नाम पर मकान खरीदने हेतु प्रदीप प्रजापति निवासी भगवतीपुर (मझवा) सिन्धोरा को 6.50 लाख रूपये एडवान्स देकर रहने लगा और कुछ दिनों में पूरा पैसा देकर मकान की रजिस्ट्री कराने को कहा था. ओम गुप्ता उर्फ मोनू, संतोष गुप्ता उर्फ बल्ली तथा अतुल सिंह नशीला सिंथेटिक ड्रग तैयार करते थे जिसे ओम गुप्ता उर्फ मोनू मुम्बई, ठाणे व आस-पास के इलाके में बेचता था. संतोष गुप्ता उर्फ बल्ली तथा अतुल सिंह को प्रति किलोग्राम दो लाख रूपये ड्रग्स तैयार करने का मिलता था।