नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने NCR में गैंगस्टर के साथ आपराधिक वारदातों को अंजाम देने वाले दो शूटरों को गिरफ्तार किया है.इसमें एक जूनियर नेशनल मुक्केबाज खिलाड़ी रह चुका है. ये दोनों विकास लगारपुरिया गिरोह के दो शूटर चेतन मान उर्फ बॉक्सर और धीरपाल हैं. इनमें से चेतन राष्ट्रीय स्तर का बॉक्सर रह चुका है.
स्पेशल सेल के DCP राजीव रंजन के मुताबिक, पिछले कुछ महीनों से सूचना मिल रही थी कि मोस्ट वांटेड इनामी अपराधी विकास गुलिया उर्फ विकास लगारपुरिया के शूटर दिल्ली-एनसीआर में कुछ बड़ा अपराध करने की फिराक में हैं.
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के डीसीपी राजीव रंजन ने बताया कि इस मामले की जांच में पता चला कि धीरपाल और चेतन दोनों विकास लगारपुरिया गिरोह के सदस्य हैं. उन्होंने अपने सहयोगियों के साथ दिल्ली में कुछ जघन्य अपराध को अंजाम देने के मकसद से एमपी के खरगोन से हथियार खरीदे हैं. उन्होंने बताया कि 26 अप्रैल को टीम को विशेष सूचना मिली कि चेतन दक्षिण दिल्ली में घूम रहा है और कोई अपराध करने के लिए वो महरौली में आ रहा है.
इस सूचना पर कार्रवाई करने के लिए पुलिस ने जाल बिछाया गया और आरोपी चेतन को गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ में उसने खुलासा किया कि उसने दिल्ली के कटवारिया सराय के एक कमरे में अपनी पिस्टल छिपा रखी है. इसके बाद छापेमारी कर उसके किराए के कमरे से एक पिस्टल और 2 कारतूस बरामद किए गए.
आरोपी चेतन बॉक्सर भारत में अलग-अलग जगहों पर बॉक्सिंग चैंपियनशिप में हिस्सा ले चुका है. उसने 2006-2012 के बीच दिल्ली, उड़ीसा और गुजरात से राज्य स्तर पर बॉक्सिंग की है. इसके अलावा उसने खेल कोटे के आधार पर स्नातक के लिए 2009 में दिल्ली विश्वविद्यालय के दयाल सिंह कॉलेज में प्रवेश लिया, लेकिन इसके बाद वह द्रोणाचार्य कॉलेज गुरुग्राम चला गया. उसने मुक्केबाजी खेलना जारी रखा. 2010 में उसने दमन और दीव से राष्ट्रीय स्तर की मुक्केबाजी चैंपियनशिप में भाग लिया. इसके बाद 2012 में उसने मुक्केबाजी छोड़ दी. 2013 में उसने अपराध की दुनिया में कदम रख दिया. वह धीरपाल के जरिए विकास लगारपुरिया के संपर्क में आया और उसके गिरोह में शामिल हो गया.
चेतन ने साल 2014 में दिल्ली के द्वारका में कार लूटने का पहला क्राइम किया. 2019 तक वह जेल में था. अगस्त 2019 में जमानत पर बाहर आने के बाद वह ग्रेटर नोएडा में विकास लगारपुरिया के साथ किराए के फ्लैट में रहा और अपनी आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देता रहा. इसके बाद साल 2020 वो पोचनपुर गांव में शिफ्ट हो गया.
वहीं आरोपी धीरपाल के पिता नजफगढ़ में दूध की डेयरी चलाते थे. धीरपाल ने साल 2005 में दिल्ली से सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा पूरा किया. डिप्लोमा करने के बाद उसने 2006 से कई कंपनियों में सिविल इंजीनियर के तौर पर काम किया. 2009 में वह विकास लगारपुरिया के संपर्क में आ गया. इसके बाद उसने हत्या समेत कई वारदातों को अंजाम दिया.