भारत में गिरफ्तार हुए 2 विदेशी, 22 मोबाइल फोन और 165 सिम कार्ड बरामद, 1000 से ज्यादा लोगों को ठगा, जानिए इनकी कारस्तानी

Update: 2021-05-16 12:24 GMT

कोविड के दौर में हर कोई परेशान है. कोई ऑक्सीजन के लिए तो कोई दवाइयों के लिए. ऐसे में लोगों की मजबूरी का फायदा उठाने वाले गिरोह भी कम नहीं हैं. दिल्ली पुलिस ने ऑक्सीजन सिलेंडर और कोविड-19 दवाइयों के नाम पर जालसाजी करने वाले 2 विदेशियों को गिरफ्तार किया है.

ये दोनों मिलकर अब तक 1000 से ज्यादा लोगों को ठग चुके हैं. पुलिस ने इनके पास से 22 मोबाइल फोन, 165 सिम कार्ड, 5 लैपटॉप और बड़ी मात्रा में डेबिट कार्ड भी बरामद किए हैं. आरोपी 1000 लोगों से करीब 2 करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी कर चुके हैं.
ये आरोपी ठगी के पैसों के ट्रांजैक्शन के लिए अलग-अलग 20 बैंक अकाउंट्स का इस्तेमाल कर रहे थे. दरअसल दिल्ली पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव की निगरानी में लगातार क्राइम ब्रांच और दिल्ली के अलग-अलग जिलों की पुलिस ऑक्सीजन सिलेंडर दवाइयों और ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की कालाबाजारी करने वाले लोगों के खिलाफ अभियान चला रही है. इसी कड़ी में क्राइम ब्रांच की स्टार 2 की टीम ने यह बड़ा खुलासा किया है.
गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपियों में से एक नाइजीरिया का, तो दूसरा घाना का रहने वाला है. ये दोनों ही दिल्ली के पंचशील विहार इलाके में रह रहे थे. गिरफ्तार आरोपियों के नाम चीका बेनेथ और जॉनाथन हैं.
दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच को 5 मई को एक शिकायत मिली थी जिसके तहत शिकायतकर्ता ने बताया कि एक मोबाइल नंबर सोशल मीडिया पर ऑक्सीजन सिलेंडर और कोरोना की महंगी दवा बेचने का काम कर रहा है. शिकायतकर्ता ने इस नंबर पर कॉल किया तो कॉल उठाने वाले ने ऑक्सीजन सिलेंडर के ₹16,000 और ₹4,000 ट्रांसपोर्टेशन चार्ज बताया.
शिकायतकर्ता ने ये पैसा ट्रांसफर कर दिया लेकिन इसके बाद इन लोगों ने वो फोन नंबर ऑफ कर दिया. इसी तरह की और भी शिकायतें क्राइम ब्रांच को मिल रही थीं, जिसके बाद डीसीपी क्राइम ब्रांच मोनिका भारद्वाज ने इन आरोपियों को पकड़ने के लिए स्टार टू की एक विशेष टीम गठित की.
डीसीपी मोनिका भारद्वाज ने बताया कि उन्होंने इंस्पेक्टर दिनेश कुमार, इंस्पेक्टर अरुण सिंधु, सब इंस्पेक्टर अर्जुन सिंह, सब इंस्पेक्टर हवा सिंह, सब इंस्पेक्टर रजनीश कुमार और सब इंस्पेक्टर राजकुमार को इस टीम में शामिल किया जबकि इस टीम की अगुवाई एसीपी अरविंद कुमार कर रहे थे.
टेक्निकल सर्विलांस के जरिए यह नंबर 8586918622 अलग-अलग इलाकों में एक्टिव पाया गया, जिसमें संगम विहार, जामिया नगर, खिड़की एक्सटेंशन, मालवीय नगर जैसे इलाके शामिल थे. इस मामले में क्राइम ब्रांच की टीम को 13 मई को सफलता हासिल हुई और क्राइम ब्रांच ने चीका बेनेथ को ग्रीन पार्क से गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद 15 मई को पुलिस ने जॉनाथन को भी गिरफ्तार कर लिया.
क्राइम ब्रांच की डीसीपी मोनिका भारद्वाज ने बताया कि चीका ने खुलासा किया है कि वह सन 2010 से भारत में रह रहा है इससे पहले भी वह भारत और भारत के बाहर लोगों से गिफ्ट पार्सल के नाम पर ठगी करता था. कोरोना काल में जब ऑक्सीजन सिलेंडर और दवाओं की कमी हुई तो इन लोगों ने मौके का फायदा उठाते हुए, यहां भी ठगी का कारोबार शुरू कर दिया. ये लोग अपना प्रचार-प्रसार फेसबुक टि्वटर इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप के जरिए किया करते थे.
इनका एक साथी बेंगलुरु में बैठकर अलग-अलग बैंकों के बैंक अकाउंट मुहैया कराता था, एक बार बैंक में पैसा आते ही उस अकाउंट को खाली कर दिया जाता था. जालसाजी के इस काम में इन दोनों आरोपियों की मदद अफ्रीका में बैठे हुए इनके दूसरे साथी भी कर रहे थे. इस तरह इन लोगों ने करीब 1000 लोगों को ठगा और 20 बैंक अकाउंट एक्टिव किए हुए हैं जिसमें दो करोड़ से ज्यादा की ठगी की गई.
आरोपी चीका नाइजीरिया का रहने वाला है. वह दिल्ली के मालवीय नगर में साल 2016 से रह रहा था. साल 2010 में आने के बाद उसने भारत में छोटा-मोटा व्यापार शुरू किया था, लेकिन पिछले 4 साल से वह जालसाजी और ठगी के काम में लगा हुआ था. जबकि जॉनाथन घाना का रहने वाला है. जॉनाथन इसी साल फरवरी में भारत आया था और चीका के साथ जालसाजी में जुट गया.
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