CBI की रडार में 2 फर्म, बैंक ऋण धोखाधड़ी मामले में किया FIR दर्ज
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यूपी। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 8.75 करोड़ रुपये के बैंक ऋण धोखाधड़ी मामले में गाजियाबाद की दो निजी कंपनियों और उनके अधिकारियों पर केस दर्ज किया है। सीबीआई के एक अधिकारी ने बताया कि जांच एजेंसी को इस साल 13 मार्च को पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) से इस संबंध में शिकायत मिली थी। बैंक ने दावा किया कि उसे 8.75 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
एफआईआर में लिखा है कि एकॉर्ड फर्निशिंग प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक नीरजा दीक्षित, अश्विनी दीक्षित समेत रजत कुमार अरोड़ा और अन्य ने धोखाधड़ी की। एफआईआर में लिखा है कि 2015 में नीरजा और अश्वनी ने 1.40 करोड़ रुपये की कैश क्रेडिट ऋण सुविधा की मांग करते हुए बैंक से संपर्क किया। बैंक ने अनुरोध को मंजूरी दे दी और आरोपी को 1.40 करोड़ रुपये का ऋण (कैश क्रेडिट) वितरित किया। ऋण सुविधाओं को और अधिक सुरक्षित करने के लिए, उन्होंने कुछ संपत्तियां गिरवी रख दीं।
एफआईआर में आगे जिक्र किया गया है साल 2016 में आरोपियों ने अपनी कैश क्रेडिट सीमा को 1.40 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2.75 करोड़ रुपये करने के लिए फिर से बैंक से संपर्क किया, जिसे बैंक ने स्वीकार कर लिया। बैंक ने शिकायत में कहा, "इसके अलावा 2016 में आरोपी व्यक्तियों ने फैक्ट्री स्थापित करने के लिए मशीनरी और अन्य संपत्तियों की खरीद के लिए 1.40 करोड़ रुपये की टर्म लोन सुविधा का भी लाभ उठाया।"
बैंक ने आरोप लगाया कि आरोपियों ने उससे उधार ली गई धनराशि को निकाल लिया होगा और उन उद्देश्यों के अलावा अन्य उद्देश्यों के लिए उनका उपयोग किया होगा जिनके लिए फंड स्वीकृत किया गया था। सीबीआई अधिकारी ने कहा कि उन्होंने आईपीसी की धारा 420, 468, 471 के साथ, धारा 120बी के तहत एफआईआर दर्ज की है और मामले की जांच की जा रही है।