2 बच्चे जले, तोड़ा दम, सरकारी अस्पताल में हड़कंप
वार्मर के ओवरहीट होने के चलते 2 नवजात बच्चों की जान चली गई. स्टाफ की लापरवाही के चलते ये बड़ा हादसा हुआ है.
नई दिल्ली: राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के एक सरकारी अस्पताल में बड़ा हादसा हो गया. दरअसल बुधवार को यहां के मदर एंड चाइल्ड हॉस्पिटल ऑफ महात्मा गांधी के एनआईसीयू में वार्मर के ओवरहीट होने के चलते 2 नवजात बच्चों की जान चली गई. स्टाफ की लापरवाही के चलते ये बड़ा हादसा हुआ है.
पुलिस ने बताया कि मृत बच्चों में एक लड़की और एक लड़का थे. जहां 21 दिन की बच्ची की तुरंत ही मौत हो गई वहीं दूसरे बच्चे की गुरुवार को मृत्यु हो गई. अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि बच्चों की मौत के समय ड्यूटी पर मौजूद दो कंट्रैक्चुअल नर्सिंग स्टाफ को बर्खास्त कर दिया गया है और तत्काल प्रभाव से जांच कमिटी बनाई गई है.
गौरतलब है कि मृत बच्ची अंडरवेट होने के चलते एनआईसीयू में 5 अक्टूबर को रखी गई थी. मृत बच्चों के परिवारों की ओर से हंगामें के बाद अस्पताल ने आनन फानन में ड्यूटी पर मौजूद कंट्रैक्चुअल नर्सिंग स्टाफ को बर्खास्त कर दिया. एक अधिकारी ने बताया कि बनाई गई कमिटी की जांच के आधार पर मामले में एक्शन लिया जाएगा.
गौरतलब है कि हाल में बिहार के दरभंगा में ऐसा ही मामला आया था जब दरभंगा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल ( DMCH) शिशु विभाग में इलाज के लिए भर्ती कराए गए दो नवजात की मौत के बाद जमकर हंगामा हुआ. जानकारी के मुताबिक, इनमें से एक बच्चे के पिता अमित कुमार यादव ने अपने नवजात को इलाज के लिए DMCH के शिशु विभाग में इलाज के लिए भर्ती कराया था. अस्पताल में भर्ती नवजात को देखने के लिए जब नर्स से बोला गया तो वो अपने मोबाइल में ही व्यस्त रही. बार-बार बुलाने पर ना तो नर्स आई और ना ही कोई डॉक्टर आए. कुछ देर बार एक डॉक्टर आए तो हमने उनसे नवजात की स्थिति खराब होने की बात कही. बच्चे को देखने के बाद वे बोले परेशानी की कोई बात नहीं है. जिसकी कुछ देर बाद बच्चे की सांसे थम गई. मृतक के पिता अमित कुमार यादव का कहना है कि DMCH में इलाज नहीं होता है. यहां केवल इलाज के नाम पर धांधली होती है. DMHC के उप अधीक्षक डॉ. हरेंद्र कुमार ने मृतकों के परिजनों के आरोपों को सिरे से खारिज किया है.