गुजरात। अहमदाबाद की एक विशेष एनआईए अदालत ने नकली भारतीय मुद्रा के प्रसार के लिए दो व्यक्तियों को सात साल के सश्रम कारावास (आरआई) की सजा सुनाई है। अदालत ने विनोद निषाद उर्फ विनोद साहनी और महफूज शेख को भारतीय दंड संहिता की धारा 489बी, 489सी और 120बी के तहत दोषी ठहराया और उन्हें सात साल की सजा सुनाई।
राजस्व खुफिया निदेशालय की सूरत क्षेत्रीय इकाई द्वारा शुरू में विश्वसनीय इनपुट पर मामला दर्ज किया गया था कि मुजफ्फरपुर निवासी विनोद निषाद नामक एक व्यक्ति भारतीय नकली नोट लेकर ट्रेन से बिहार से सूरत आया। बाद में एनआईए ने मामला फिर से दर्ज किया था। एनआईए ने चार्जशीट में कहा था, "जांच से पता चला है कि आरोपी आदतन अपराधी थे। वे भारत की मजबूत मौद्रिक प्रणाली को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से नकली नोट सूरत लाए थे।" एनआईए ने अहमदाबाद स्थित विशेष अदालत के समक्ष अभियोजन पक्ष के 13 गवाहों को पेश करके आपराधिक साजिश साबित कर दी।