मुंडका अग्निकांड में 19 लोग अभी भी लापता, रेस्क्यू टीम मौके पर मौजूद

Update: 2022-05-14 02:18 GMT

दिल्ली। धू-धूकर उठती आग की लपटें और गहरा काला धुआं... शुक्रवार को दिल्ली के मुंडका में मेट्रो पीलर नंबर 545 के पास कुछ ऐसा ही भयावह मंजर था. एक इमारत आग की लपटों से घिरी हुई थी. इन लपटों में देखते ही देखते 27 जिंदगियां खत्म हो गईं. बेशक आग लगना एक हादसा है लेकिन इस अग्निकांड में जिन्होंने अपनो को खो दिया, उनका क्या? इस दर्दनाक हादसे में 19 लोग अभी भी लापता हैं. अपनी बहन की तलाश में संजय गांधी अस्पताल पहुंचे अजीत तिवारी ने बताया कि घटना के बाद से मोनिका लापता है. मैं अपनी बहन की तलाश में आया हूं. उसने पिछले महीने सीसीटीवी कैमरा पैकेजिंग यूनिट में काम करना शुरू किया था और हादसे वाले दिन ही उसे पहली सैलरी मिली थी. अब वो कहां हैं, पता नहीं...

अजीत ने बताया कि हमें शाम 5 बजे आग के बारे में पता चला, लेकिन ये नहीं पता था कि आग उसके ऑफिस की बिल्डिंग में लगी थी, जब वह घर नहीं लौटी तो शाम 7 बजे से उसकी तलाश में हूं. मोनिका अपने दो भाइयों और एक बहन के साथ दिल्ली के आगर नगर में रहती है. वो उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले की रहने वाली हैं. हास्पिटल में एक अन्य महिला अपनी बड़ी बेटी की तलाश में पहुंची थीं, जो सीसीटीवी कैमरा पैकेजिंग यूनिट में ही काम करती है. महिला ने बताया कि मेरी बेटी पूजा पिछले तीन महीनों से यहां काम कर रही है. हम मुबारकपुर में रहते हैं और रात 9 बजे घटना के बारे में पता चला. उसकी बाईं आंख के नीचे एक कट का निशान है. पूजा ही हमारे घर में एक मात्र कमाने वाली है. उसी की कमाई से उसकी दो छोटी बहने पढ़ती हैं. कई अस्पतालों में उसे ढूंढा पर अब तक पता नहीं चला है...

इस खौफनाक मंजर की ये दो दास्तां सुनने के बाद सवाल बनता है कि इसका जिम्मेदार कौन? दूसरे शब्दों में कहें तो 27 लोगों की मौत के पीछे एक आपराधिक लापरवाही जिम्मेदार है. जिस फैक्ट्री में आग लगी है उसके दोनों मालिक को पुलिस ने हिरासत में लेने के बाद गिराफ्तार कर लिया है. वरुण गोयल और सतीश गोयल को दिल्ली पुलिस ने गैर इरादतन हत्या के आरोप में गिराफ्तार किया है.

बता दें कि पश्चिमी दिल्ली के मुंडका मेट्रो स्टेशन के पास शुक्रवार शाम एक कमर्शियल बिल्‍ड‍िंग में आग लग गई थी. इस हादसे में 27 लोगों की जान चली गई, जबकि 19 लोग अभी भी लापता हैं. अग्निशमन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, आग की सूचना शाम चार बजकर 45 मिनट पर मिली थी. इसके बाद दमकल की 30 गाड़ियां मौके पर भेजी गई थीं. करीब साढ़े पांच घंटे की मशक्कत के बाद रात करीब ग्यारह बजे आग पर काबू पा लिया गया. लेकिन तब तक दो दर्जन से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी थी. 

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