विपक्ष के हंगामे के बीच दोनों सदनों में 17 बैठकें

Update: 2023-08-12 08:54 GMT

संसद का मानसून सत्र शुक्रवार को दोनों सदनों में भारी हंगामे के बीच स्थगित हो गया। यह सत्र मणिपुर हिंसा पर पहले से आखिरी दिन तक हुए हंगामे के नाम रहा। हालांकि, इसका असर विधायी कामकाज पर नहीं पड़ा। सत्र की महज 17 बैठकों में दोनों सदनों में 23 अहम विधेयकों पर मुहर लगाई गई। विपक्ष के हंगामे, बहिष्कार, सांसदों के निलंबन, स्थगन के बीच इनमें से 22 विधेयक बिना चर्चा के या ज्यादातर विपक्षी दलों की अनुपस्थिति के बीच प्रतीकात्मक चर्चा करा कर पारित करा लिए गए।

पूरे सत्र में जनसरोकारों से जुड़े एक भी मुद्दे पर चर्चा नहीं हो पाई। मणिपुर हिंसा पर चर्चा और प्रधानमंत्री के बयान पर अड़े विपक्ष ने प्रश्नकाल के साथ शून्यकाल को लगातार बाधित किया। इस दौरान सरकार कभी विपक्ष की अनुपस्थिति तो कभी संक्षिप्त और सांकेतिक चर्चा के बीच अहम विधायी कामकाज निपटाने में कामयाब रही। आखिरी दिन लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने विधेयक पेश किए।

बस दिल्ली सेवा विधेयक पर दोनों सदनों में विस्तृत चर्चा

सत्र के दौरान दोनों सदनों में 25 विधेयक पेश किए गए। लोकसभा में इस दौरान 22 तो राज्यसभा में 23 विधेयक पारित हुए, जबकि मगर इनमें दिल्ली सेवा विधेयक को छोड़ कर एक भी विधेयक पर विस्तृत चर्चा नहीं हो पाई। दिल्ली में अधिकारियों की नियुक्ति और स्थानांतरण से जुड़े इस विधेयक पर दोनों सदनों में विस्तृत चर्चा के साथ सरकार और विपक्ष के बीच जमकर तकरार हुई। विधेयक लोकसभा में ध्वनि मत से तो राज्यसभा में 102 के मुकाबले 131 मतों से पारित हुआ।

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