जेल से 16 बंदी फरार: मनगढ़ंत कहानी का खुला राज, 4 जेल कर्मी निलंबित, महिला पुलिसकर्मी से अधिकारियों ने की पूछताछ तो...
मिलीभगत का अंदेशा सामने आया है.
राजस्थान के फलौदी उप कारागृह से 16 बंदियों के फरार होने के मामले में मंगलवार को जेल डीजी राजीव दासोत ने चार जेल कर्मियों को निलंबित कर दिया. प्रारंभिक जांच में सभी प्रहरियों की मिलीभगत का अंदेशा सामने आया है. घटना के समय जेल के मेन गेट का ताला खुला हुआ था और बंदी आसानी से भाग निकले. अब इस मामले की जांच जोधपुर जेल के डीआईजी सुरेंद्र सिंह शेखावत कर रहे हैं. इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली गई है.
पुलिस अधीक्षक ग्रामीण अनिल कयाल ने बताया कि जेल में ड्यूटी पर मौजूद गार्डों की आंखों में मिर्ची पाउडर और गर्म सब्जी डालकर कैदियों के भागने की जानकारी दी गई थी. लेकिन मौके पर प्रशासनिक अधिकारियों के पहुंचने के बाद पता चला कि सब्जी गिरने से बने दाग के ही निशान मिले.
जानकारी के मुताबिक आमतौर पर हर जेल में दो दरवाजे होते हैं, जेल के नियमों के अनुसार एक गेट खोलने पर दूसरे गेट का ताला लगा होना आवश्यक होता है. जिससे एक दरवाजे से यदि कोई भाग निकले तो दूसरे गेट से आगे नहीं जा पाए. लेकिन इस बेसिक नियम की अनदेखी कर लापरवाही बरती गई है. इसी वजह से 16 बंदी जेल से भागने सफल रहे. अगर 7 दिन के अंदर कैदी समर्पण नहीं करते हैं तो फरार बंदियों की चल व अचल संपत्तियां कुर्क की जा सकती है.
घटना की जानकारी मिलते ही जेल विभाग ने मुख्य प्रहरी नबीबख्श व सुरक्षा में तैनात सुनील कुमार, मदन पाल सिंह व मधु देवी को निलंबित कर दिया है. वहीं जेल की पूरी घटना फिल्मी कहानी की तरह दिखाई दे रही है. घटना के तुरंत बाद सिपाही मदनलाल व राजेंद्र महिला सिपाही मधु के पास खड़े थे. तब दोनों के कपड़े सही थे. लेकिन जब दोनों जवान अफसरों को बयान दे रहे थे तब इनके कपड़े फटे थे. ऐसे में इनकी भूमिका पर संदेह किया जा रहा है.
दोनों जवानों ने कैदियों के साथ धक्का-मुक्की होने की बात कही. लेकिन महिला पुलिसकर्मी ने मनगढ़ंत बात बता कर कहानी को अधिकारियों को बताई. लेकिन जब गहनता के साथ महिला पुलिसकर्मी से पूछताछ की गई तो अधिकारियों के सामने उसकी कहानी की सारी पोल खुल गई. जिस पर जेल प्रशासन ने निलंबित कर दिया. घटना की जानकारी मिलने के बाद जोधपुर रेंज के आईजी नवज्योति गोगोई, ग्रामीण एसपी अनिल कयाल ने मौके पर पहुंचकर आवश्यक निर्देश दिए.