15-20 महिलाओं के साथ हैवानियत, 8 FIR, नौकरी दिलाने के बहाने बुलाया

बाड़मेर: राजस्थान के सिरोही जिले में करीब 15 से 20 महिलाओं के साथ गैंगरेप की वारदात सामने आई है। पुलिस ने अब तक आठ एफआईआर दर्ज की हैं। जांच शुरू कर दी गई है। पीड़िताओं का आरोप है कि सिरोही नगर परिषद के सभापति और आयुक्त ने आठ-दस से अधिक लोगों के साथ मिलकर उनके …

Update: 2024-02-10 23:50 GMT

बाड़मेर: राजस्थान के सिरोही जिले में करीब 15 से 20 महिलाओं के साथ गैंगरेप की वारदात सामने आई है। पुलिस ने अब तक आठ एफआईआर दर्ज की हैं। जांच शुरू कर दी गई है। पीड़िताओं का आरोप है कि सिरोही नगर परिषद के सभापति और आयुक्त ने आठ-दस से अधिक लोगों के साथ मिलकर उनके साथ दुष्कर्म किया और उनके अश्लील वीडियो भी बना लिए। पुलिस को दी शिकायत में पीड़ितों ने आरोप लगाया कि आंगनवाड़ी केंद्रों में नौकरी दिलाने की आड़ में सभी को सिरोही बुलाया गया था।

एक ओर चेयरपर्सन और कमिश्नर ने आरोपों से इनकार किया है। वहीं दूसरी ओर सिरोही पुलिस अधीक्षक ज्येष्ठा मैत्रेयी ने कई बार कोशिश करने पर भी फोन रिसीव नहीं किया। हालांकि एक पुलिस अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि कोतवाली थाने में इसे लेकर आठ एफआईआर दर्ज की गई हैं। आईपीसी की धारा 376 डी, 417 और 384 के तहत मामला दर्ज किया गया है। नगर परिषद सिरोही सभापति महेंद्र मेवाड़ा, पूर्व आयुक्त महेंद्र चौधरी और उनके साथियों पर आरोप लगाए गए हैं।

दोनों ने मामले को फर्जी बताकर खारिज कर दिया है। पुलिस अधिकारियों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि सभी एफआईआर में एक जैसे आरोप हैं। शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि करीब दो-तीन माह पहले वे 15-20 से अधिक महिलाओं के साथ आंगनवाड़ी केंद्रों में नौकरी की तलाश में सिरोही पहुंची थी। वहां नगर परिषद सभापति महेंद्र मेवाड़ा और महेंद्र चौधरी उनसे मिले थे और एक परिचित व्यक्ति के घर पर उनके रहने की व्यवस्था भी की थी।

पीड़िताओं का आरोप है कि भोजन में नशीला पदार्थ मिलाया गया था। खाना खाने के बाद सभी महिलाएं बेहोश हो गई थीं। पीड़िताओं ने दावा किया कि जब महिलाओं को होश आया तो उन्हें सिरदर्द का अनुभव हुआ। उन्होंने आरोप लगाया कि महेंद्र मेवाड़ा, महेंद्र चौधरी और उनके सहयोगियों ने कथित तौर पर उनके साथ दुष्कर्म किया और अश्लील वीडियो रिकॉर्ड कर लिए। पीड़िताओं ने यह भी आरोप लगाया है कि उनसे पांच लाख रुपये की रंगदारी भी मांगी गई।

पीड़िताओं का आरोप है कि आरोपियों ने धमकी दी कि यदि वह रकम नहीं देती हैं तो उनके वीडियो सार्वजनिक कर दिए जाएंगे। रिपोर्ट में यह भी आरोप लगाया गया है कि महेंद्र मेवाड़ा ने कथित तौर पर नौकरी दिलाने की आड़ में महिलाओं से कोरे कागजों और स्टांप पेपरों पर हस्ताक्षर कराए। यही नहीं पीड़िताओं से दस्तावेजों पर अंगूठे के निशान लिए। हालांकि, महिलाओं के पास इन दस्तावेजों की प्रतियां नहीं हैं। वहीं महेंद्र मेवाड़ा और महेंद्र चौधरी दोनों ने आरोपों का खंडन किया है।

महेंद्र मेवाड़ा ने कहा कि उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई है और पूरा मामला स्पष्ट करेंगे जबकि महेंद्र चौधरी ने यह कहते हुए अनभिज्ञता जताई कि कथित घटना के समय वह कमिश्नर नहीं थे और सब कुछ मनगढ़ंत है। इस बीच पुलिस ने बताया कि हाईकोर्ट के निर्देश पर मामले दर्ज किए गए हैं। राजस्थान उच्च न्यायालय के निर्देशों के बाद आठ मामले दर्ज किए गए हैं। सर्कल अधिकारी मामले की जांच कर रहे हैं। पुलिस ने बताया कि पहले कुछ पीड़ित शिकायत लेकर पहुंची थीं लेकिन जब जांच के लिए उनसे संपर्क करने की कोशिश की गई तो संपर्क जानकारी गलत निकली थी। इस वजह से केस रजिस्टर नहीं किए गए थे।

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