श्रीलंकाई सेना की गिरफ्त में 13 मछुआरे, पुडुचेरी के मुख्यमंत्री से मिले परिजन
पुडुचेरी: पुडुचेरी के मुख्यमंत्री एन. रंगास्वामी से बुधवार को श्रीलंकाई नौसेना द्वारा गिरफ्तार किए गए परिजनों ने मदद की गुहार लगाई। परिजनों ने रोते हुए मुख्यमंत्री से उनके लोगों को जल्द से जल्द रिहा करने की दिशा में कदम उठाने की अपील की। मुख्यमंत्री ने भी उन्हें हर प्रकार की मदद का भरोसा दिलाया है।
मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वस्त किया कि मछुआरों को रिहा करने के लिए उचित कदम उठाए जा रहे हैं। इस संबंध में केंद्र सरकार को भी पत्र लिखा गया है। इससे पहले मुख्यमंत्री ने इस मामले में विदेश मंत्रालय को पत्र लिखा था। इस पत्र में उन्होंने इस मामले में सरकार से हस्तक्षेप की मांग की थी, ताकि मछुआरों की रिहाई का मार्ग प्रशस्त हो सके।
बता दें कि श्रीलंकाई नौसेना ने तमिलनाडु और पुडुचेरी के 13 मछुआरों को गिरफ्तार कर लिया था। श्रीलंका ने आरोप लगाया था कि मछुआरे उसकी समुद्री सीमा में अवैध रूप से घुस गए थे। श्रीलंकाई नौसेना की गोलीबारी में दो मछुआरे गंभीर रूप से घायल हो गए थे, जिन्हें श्रीलंका के जाफना के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जानकारी के मुताबिक, सोमवार की रात करीब 10 बजे तमिलनाडु के कोडियाकराई के पास स्थित कराईकल के 20 से अधिक मछुआरे एक मोटरबोट में मछली पकड़ रहे थे। उन्हें श्रीलंकाई नौसेना की दो गश्ती नौकाओं ने घेर लिया था। इस दौरान मछुवारे भाग गए, लेकिन एक मोटरबोट श्रीलंकाई नौसेना के हाथ लग गई।
वहीं, कराईकल के क्लिंजल मेडु गांव के आनंदवेल की नाव में 13 मछुआरे सवार थे, जिनके नाम मणिकावेल, दिनेश, कार्तिकेयन, सेंथामिज, मैविलिनथन, वेत्रिवेल, नवाथ, राजेंद्रन, रामकी, शशिकुमार, नंदकुमार, बाबू और कुमारन हैं। इसके अलावा नवाथ, राजेंद्रन, रामकी, शशिकुमार, नंदकुमार, बाबू और कुमारन, जो नगाई और मयिलादुथुराई से हैं।
श्रीलंकाई नौसेना का दावा था कि मछुआरे मुलातिवु जल क्षेत्र में मछली पकड़ रहे थे, जो श्रीलंका की समुद्री सीमा में है। जब मछुआरे घबराकर भागने लगे, तो उन पर गोली चलाई गई। श्रीलंकाई नौसेना ने बंदूक की नोक पर नाव में सवार सभी 13 मछुआरों को गिरफ्तार कर लिया।