कुशीनगर: उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले के नौरंगिया में बुधवार की रात मटकोर के दौरान कुएं में गिरने से हुए 13 लोगों की मौत को लेकर एक तरफ जहां आसपास के गांवों के लोग गमगीन हैं वहीं बेटे की तलाश में ही सही मुनीब के साहस की लोग शाबासी दे रहे हैं, जिसने दस लोगों की जिंदगी बचा ली। कुएं में गिरे लोगों को रस्सी के सहारे बाहर निकालते निकालते मुनीब का पैर भी जख्मी हो गया लेकिन उसने तब तक हिम्मत नहीं हारी जब तक सभी लोगों को बाहर नहीं निकाल लिया।
नौरंगिया गांव निवासी मुनीब कुशवाहा उम्र 45 वर्ष के साले नेबुआ नौरंगिया थाना क्षेत्र के कुकुरहा गांव निवासी भीम सिंह कुशवाहा उत्तराखंड के उधम सिंह नगर में एसडीएम के पद पर तैनात हैं। बुधवार की काली रात को ही भीम सिंह के रिश्तेदार रामकोला थाना क्षेत्र के रघ्घु छपरा निवासी एवं वहां के प्रधान लालसाहब के यहां से बारात नेबुआ नौरंगिया थाना क्षेत्र के विजयी छपरा गांव में आयी थी। इस बारात में शरीक होने मुनीब भी गया था। घर लौटते समय मुनीब ने कुएं के पास लोगों में भगदड़ देखा, जिसे नजरअंदाज करते हुए वह बाइक से अपने घर पहुंच गया। घर जाने पर परिजनों से पता चला कि कुछ लोग कुएं में गिर गये हैं और उसका बेटा सत्यम भी घर पर नहीं है। इसकी जानकारी होने पर मुनीब बेचैन होकर घर से लेकर कुएं तक दो बार गया मगर सत्यम का पता नहीं चला।
इसके बाद मुनीब जिंदगियों को बचाने का फरिश्ता ही बन गया। वह कपड़े निकाल बेटे सत्यम की तलाश में कुएं में उतर गया। इसके पहले लोग कुएं से पानी निकालने के लिए गांव में उपलब्ध पानी के छह टैंकर लगा रखे थे। जैसे-जैसे पानी कम होता गया मुनीब भी कुएं के नीचे उतरता गया। उसने सीढ़ी पर चढ़कर रस्सी के सहारे कुएं में गिरे सभी 23 लोगों को बाहर निकाल लिया।
दस लोगों की जिंदगी बचाने में मुनीब का सहयोग गांव के अन्य युवाओं ने भी दिया, जिसकी चहुंओर प्रशंसा हो रही है। मुनीब जब रस्सी लेकर कुएं में उतरा तो उसके साहस को देखते हुए गांव के अनिल मिश्र, विपिन, पंकज और सुबेदार नामक युवक भी सहयोग में लग गये।