12 साल के छात्र को प्रतिष्ठित डायना अवार्ड, कर दिखाया बड़ा कारनामा

Update: 2021-06-29 15:15 GMT

दुबई में रहने वाले भारतीय मूल के छात्र को यूके के प्रतिष्ठित डायना अवार्ड 2021 से नवाजा गया है. ये अवार्ड रोजाना की जिंदगी में सतत और सकारात्मक बदलाव लाने वाले युवा लोगों को हर साल दिया जाता है. चेन्नई से परिवार के साथ दुबई आकर बसे 12 साल के राघव कृष्णा शेषाद्रि सुमंत शारजाह के दिल्ली प्राइवेट स्कूल में 7वीं कक्षा के छात्र हैं. प्रिसेंज ऑफ वेल्स, डायना की स्मृति में ये अवार्ड ब्रिटिश सरकार की ओर से 1999 में स्थापित किया गया था. ये दुनिया भर में समाज के लिए असाधारण काम करने वाले युवा लोगों को दिया जाता है. बाद के वर्षों में ये अवार्ड बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज वाली स्वतंत्र चैरिटी की देखरेख में दिया जाने लगा. बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज में ब्रिटेन के पूर्व पीएम डेविड कैमरन भी शामिल हैं.

कोविड सुरक्षा प्रोटोकॉल की वजह से इस साल वर्चुअल अवार्ड सेरेमनी में राघव को 28 जून को डायना अवार्ड से सम्मानित किया गया.

राघव को शिक्षा और शऱणार्थी बच्चों के सशक्तिकरण के लिए किए गए मानवीय कार्यों के आधार पर इस अवार्ड के लिए चुना गया. राघव और उनकी टीम ने सीरिया के शरणार्थी बच्चों की शिक्षा के लिए कम लागत वाले और अभिनव समाधान सुझाए. उन्होंने अपने विचार दुबई केयर्स को सौंपे. राघव को 2019 में युवा समाजसेवी अवार्ड से सम्मानित किया गया था. राघव के आइडिया ने जार्डन में विस्थापित हजारों सीरियाई शरणार्थी बच्चों की शिक्षा पर सकारात्मक असर डाला. राघव ने शरणार्थी बच्चों की पढ़ाई के लिए गणित और विज्ञान के कई वीडियो तैयार करने में भी सहयोग दिया. राघव ने अपने छोटे भाई माधव कृष्णा के साथ अल जलीला फाउंडेशन के यालागिव पोर्टल के फंडरेजर के लिए 30,000 दिरहाम भी इकट्ठे किए. इस फंडरेजर से 2020 में कोविड-19 के पीक पर यूएई के 23 स्कूलों के 73 टीचर्स को साइंटिफिक ट्रेनिंग देने में मदद मिली थी. फिर इन्हीं टीचर्स ने आगे बच्चों की पढ़ाई जारी रखने के लिए काम किया.

राघव ने डायना अवार्ड मिलने पर कहा कि वो इसके लिए जूरी के आभारी है, साथ ही वो अपने माता-पिता, टीचर्स और समर्थकों का शुक्रिया करते हैं. राघव के मुताबिक इस अवार्ड से वो अपने ऊपर और ज्यादा जिम्मेदारी आना महसूस करते हैं जिससे कि वो मानवीय और सामाजिक मुद्दों के लिए आगे भी और जोश से काम कर सकें. राघव ने कहा कि उन्हें यूएई का नागरिक होने पर गर्व है. राघव के मुताबिक वो यूएई और अपने गृह देश भारत, दोनों का झंडा ऊंचा रखने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ देते रहेंगे.

राघव की मां वेदावल्ली सुमंत ने कहा, "मुझे गर्व है कि मेरे बेटे ने अपनी प्रतिभा का इस्तेमाल पवित्र कार्यों के लिए किया और इसके लिए उसे वैश्विक स्तर पर इतनी छोटी सी उम्र में ही पहचान मिली."

राघव के पिता सुमंत शेषाद्रि ने कहा कि "इतनी छोटी उम्र में ही राघव को प्रतिष्ठित डायना अवार्ड मिलने पर हम बहुत खुश हैं. ये राघव को समाज के लिए सतत तौर पर काम करते रहने के लिए प्रेरित करेगा."

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