पूरे देश में कोरोना की दूसरी लहर ने स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की पोल खोल कर रखी दी है. बढ़ते हुए संक्रमित मरीजों का आंकड़ा और बदहाल स्वास्थय सुविधाओं का खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है. देश भर के अस्पतालों में बेड, वेंटिलेटर, कोरोना के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवा रेमडेसिविर और ऑक्सीजन की भारी किल्लत चल रही है. जिसके चलते मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. ऐसा ही हाल कुछ मध्य प्रदेश का भी है. शनिवार को प्रदेश के शहडोल जिले के मेडिकल कॉलेज में देर रात ऑक्सीजन की सप्लाई का प्रेशर कम होने से 12 कोरोना मरीजों की मौत हो गई है.
इस घटना के सामने आने के बाद प्रदेश में आम जनता में भय का माहौल तो है ही. साथ ही विपक्ष ने भी सरकार पर जमकर हमला बोला है. जिसके बाद मध्यप्रदेश में सियासी पारा चढ़ गया है.
ऑक्सीजन की सप्लाई कम होने से गई मरीजों की जान
शनिवार देर रात मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की सप्लाई का प्रेशर कम होने के कारण आईसीयू में भर्ती 12 मरीजों की जान चली गई. ऑक्सीजन की सप्लाई कम होते ही मरीज बैचेन हो गए. कुछ मरीजों की हालात खराब होने लगी. पूरे अस्पताल में ऑक्सीजन सिलेंडरों की व्यवस्था के लिए अफरा तफरी मच गई. मेडिकल प्रबंधन ऑक्सीजन की सप्लाई का प्रेशर बनाने के लिए सिलेंडरों की व्यवस्था में जुट गया, लेकिन इस सब में 12 लोगों की जान चली गई. इससे पहले ही मेडिकल कॉलेज में कोरोना के 10 मरीजों की मौत हो गई थी. इस तरह शनिवार को कुल 22 मरीजों की जान गई.
डीन ने की मौत की पुष्टि
मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. मिलिंद शिरालकर ने मरीजों के मौत की पुष्टि करते हुए इस बात को स्वीकार किया कि ऑक्सीजन की कमी के चलते मरीजों की मौत हुई है, लेकिन शहडोल के कलेक्टर ने इन मौतों के पीछे ऑक्सीजन की कमीं को कारण मानने से साफ इनकार कर दिया है.
पूर्व मुख्यमंत्री ने घेरा शिवराज सरकार को
शहडोल मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी से हुई 12 मौतों को लेकर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शिवराज सरकार को घेर लिया है. कमलनाथ ने कहा कि अब शहडोल में ऑक्सीजन की कमी से मौतों की खबर बेहद ही दुखद है. भोपाल, इंदौर, उज्जैन, सागर, जबलपुर, खंडवा, खरगोन में ऑक्सीजन की कमी से मौतें होने के बाद भी सरकार नहीं जागी? आखिर कब तक प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी से यूं ही मौतें होती रहेगी.
शिवराज सरकार पर हमला बोलते कमलनाथ ने कहा कि शिवराज जी आप कब तक ऑक्सीजन की आपूर्ति को लेकर झूठे आंकड़े परोसकर, झूठ बोलते रहेंगे, जनता रूपी भगवान रोज दम तोड़ रही है. उन्होंने कहा कि प्रदेश भर की यही स्थिति, अधिकांश जगह ऑक्सिजन का भीषण संकट है. रेमडेसिविर इंजेक्शन की भी यही स्थिति है. सिर्फ सरकार के बयानों में और आंकड़ों में ही ऑक्सीज और रेमडेसिविर उपलब्ध है, जबकि हकीकत इससे अलग है.