तिरुवनंतपुरम,(आईएएनएस)। तानूर के मछली पकड़ने वाले गांव में उस समय मातम छा गया जब एक ही परिवार के 12 सदस्यों (दो भाइयों और उनके परिवारों) के शव सोमवार सुबह घर लाए गए। पीड़ितों में एक सैय्यद अल्वी, उसका भाई और उनके परिवार शामिल हैं।
अल्वी ने मछली पकड़कर अपना जीवन यापन करता था। रविवार को छुट्टी होने के कारण दोनों परिवारों ने नौका विहार के लिए बाहर जाने का फैसला किया। शाम साढ़े सात बजे के करीब नाव के अचानक पलट जाने तक सब कुछ ठीक था। देखते ही देखते नाव पलट गई और 22 लोग डूब गए जबकि एक व्यक्ति अभी लापता है। 10 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बाकी को बचा लिया गया है।
अल्वी के पड़ोसियों ने याद किया कि नाव पर जाने से पहले, उनके बच्चे उत्साहित थे और उन्हें यह जाने बिना अलविदा कह दिया कि यह उनकी अंतिम विदाई होगी। अल्वी के बहनोई एक ऑटो रिक्शा चालक शाहुल हमीद दुर्घटना की बात सुनकर मौके पर पहुंचे। गमगीन हमीद ने कहा़, “जैसे ही मैं मौके पर पहुँचा, स्थानीय लोग एक छोटे बच्ची के साथ दौड़ पड़े और मुझे अस्पताल चलने के लिए कहा। अस्पताल पहुंचने के बाद जब मैंने बच्ची का चेहरा देखा, तो मैं चौंक गया क्योंकि यह मेरी भतीजी थी।”
तनूर को इस त्रासदी से उबरने में काफी समय लगेगा। कई स्थानीय लोग इस बात से नाराज़ हैं कि अधिकारियों को नाव में आवश्यक सुरक्षा मानक नहीं होने की चेतावनी के बावजूद इसे चलाने की अनुमति दी गई थी। मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन आज सुबह तानूर पहुंचे और आगे की कार्रवाई तय करने के लिए अपने कैबिनेट सहयोगियों के साथ बैठक कर रहे हैं।