हिमाचल प्रदेश में बनी 12 दवाएं सबस्टैंडर्ड, अगस्त माह के ड्रग अलर्ट में हुआ खुलासा

Update: 2023-09-22 13:31 GMT
बीबीएन। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की जांच में हिमाचल के 11 दवा उद्योगों में निर्मित 12 दवाएं व इंजेक्शन सबस्टैंडर्ड पाए गए हैं। जो दवाएं गुणवत्ता के पैमाने पर खरा नहीं उतरी हैं, उनमें हाई बीपी, एलर्जी, स्ट्रोक, एंटीबायोटिक व निमोनिया के उपचार में इस्तेमाल की जाने वाली दवाएं व इंजेक्शन शामिल हैं। इसके अलावा कैल्शियम सप्लीमेंट व एंटीसेप्टिक मरहम भी जांच में फेल हो गए हैं। यह खुलासा सीडीएससीओ द्वारा जारी अगस्त माह के ड्रग अलर्ट में हुआ है। सबस्टैंडर्ड पाई गई दवाओं का निर्माण ऊना, मैहतपुर, कालाअंब, पावंटा साहिब, नालागढ़, बद्दी, बरोटीवाला स्थित दवा उद्योगों में हुआ है। इसके अतिरिक्त गुजरात, दिल्ली, तेलंगाना, उत्तराखंड, बेंगलुरु, पंजाब, महाराष्ट्र, तमिलनाडू, हरियाणा, पश्चिम बंगाल व महाराष्ट्र स्थित दवा उद्योगों में निर्मित 36 तरह दवाएं व इंजेक्शन भी सबस्टैंडर्ड निकले हैं। फिलवक्त राज्य दवा नियंत्रक ने हरकत में आते हुए ड्रग अलर्ट में शामिल तमाम उद्योगों को नोटिस जारी कर संबंधित दवा का पूरा बैच बाजार से तत्काल वापस मंगवाने के निर्देश जारी कर दिए हैं।
इसके अलावा संबंधित क्षेत्र के सहायक दवा नियंत्रकों को दवा उद्योगों का निरीक्षण कर विस्तृत जांच के निर्देश दे दिए हैं। काबिलेजिक्र है कि प्रदेश में दवाओं के लगातार दवाओं के सैंपल फेल होने का क्रम जारी है। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने अगस्त माह में देश के अलग अलग राज्यों से 1166 दवाओं के सैंपल एकत्रित किए थे, जिनमें से जांच के दौरान 48 दवाएं सबस्टैंडर्ड पाई गई हैं, जबकि 1118 दवाएं गुणवता के पैमाने पर खरी उतरी हैं। इन दवाओं के सैंपल हिमाचल के राज्य दवा नियंत्रक प्राधिकरण, सीडीएससीओ बैगलोर, कोलकाता, चैन्नई, मुंबई, गाजियाबाद, अहमदाबाद, हैदराबाद व ड्रग डिपार्टमेंट ने जांच के लिए जुटाए थे, जिनकी जांच सीडीएल लैब में हुई और जाचं रिपोर्ट गुरुवार को सार्वजनिक की गई। वहीं राज्य दवा नियंत्रक नवनीत मारवाह ने बताया कि उन्होंने कहा कि दवा निर्माण में गुणवत्ता से समझौता किसी भी हालत में बर्दाश्त नही किया जाएगा। राज्य दवा नियंत्रक नवनीत मारवाह ने बताया कि सीडीएससीओ दवारा जारी अगस्त माह के ड्रग अलर्ट में शामिल सभी सबंधित दवा कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए सबंधित बैच का पुरा स्टाक वापस मंगवाने के निर्देश दिए गए हैं। जिन उद्योगों के बार-बार सैंपल फेल हो रहे है, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जा रही है। राज्य दवा नियंत्रक नवनीत मारवाह ने बताया कि हिमाचल के जिन दवा उद्योगों के बार-बार सैंपल फेल हो रहे हैं, उन उद्योगों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी और गुणवत्तापूर्ण दवा निर्माण सुनिश्चित करने के लिए रिस्क बेस्ड इंस्पेकशन किया जाएगा। खामी पाई गई, तो लाइसेंस सस्पेंड कर दिया जाएगा।
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