11 साल की बच्ची बनी टीचर, रोजाना दो घंटे पढ़ाती है अंग्रेजी और गणित
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झारखंड में खूंटी जिले के लोधमा चंदापारा गांव में रहने वाली 11 साल की आदिवासी बच्ची दीपिका मिंज टीचर बन गई है। गांव में दीपिका खुद से छोटे उम्र के बच्चों को रोजाना दो घंटे अंग्रेजी और गणित पढ़ाती है। गांव के बच्चे दीपिका को टीचर दीदी बुलाते हैं। दीपिका खुद सातवीं क्लास में पढ़ती है। गांव के जिस चबूतरे पर बच्चे पढ़ते हैं, दीपिका ने उसका नाम 'शिक्षा प्रेमियों की पाठशाला' रखा है।
दीपिका तीन बहनों में सबसे छोटी है। उसने बताया कि पिछले साल जब लॉकडाउन में स्कूल बंद होने के बाद गांव में पढ़ाई बंद हो गई, बच्चे दिन भर खेलते या इधर-उधर भटकते रहते थे। उनकी पढ़ाई लगभग छूट गई थी। ऐसे में दीपिका ने अपने पड़ोस के दो बच्चों को घर बुलाकर पढ़ाना शुरू किया। पहली क्लास घर के आंगन में लगी। जुलाई आते-आते बच्चों की संख्या एक दर्जन पहुंच गई। इसके बाद गांव के एक पक्के चबूतरे पर सुबह-सुबह क्लास लगने लगी। आज शिक्षा प्रेमियों की पाठशाला में 80 से अधिक बच्चे पढ़ रहे हैं।
दीपिका के जज्बे को देखकर ग्राम सभा मदद को आगे आई। सभा ने बैठक कर गांव के बड़े बच्चों को दीपिका के साथ पढ़ाने को तैयार किया। बच्चों के बैठने के लिए दरी और लिखने के लिए ब्लैक बोर्ड खरीद कर दिया। ग्राम सभा के सदस्य अमित किस्पोट्टा ने बताया कि दीपिका हमारे गांव की शान है। दीपिका से सीख लेकर अब गांव के बड़े बच्चे आगे आए हैं। शाम में दो बैच में 40-40 बच्चे पढ़ते हैं। बड़े बैच में खुद दीपिका पढ़ाई करती है। अपना बैच खत्म करने बाद वह खुद दूसरे बैच में छोटे बच्चों को पढ़ाती है। दीपिका के पिता आलोक मिंज को बेटी पर नाज है। कहते हैं कि दीपिका की चर्चा पूरे क्षेत्र में है। लोग उसकी कोशिश की तारीफ करते हैं। दीपिका आगे चलकर टीचर ही बनना चाहती है। कोरोना के कारण आज जब स्कूल बंद है और ऑनलाइन क्लास की कोई सुविधा नहीं है, ऐसे में पूरे गांव के बच्चे शिक्षा प्रेमियों की पाठशाला में पढ़ाई कर रहे हैं।