11 करोड़ सीज: कारोबारियों के ठिकानों में छापेमारी के बाद आयकर विभाग का खुलासा
5 राज्यों में दी थी दबिश
दिल्ली। इत्र कारोबारी पुष्पराज जैन उर्फ पम्पी जैन के कई ठिकानों पर हाल में की गई छापेमारी (Raid) के मामले में अब आयकर विभाग (Income Tax Department) ने बड़ी जानकारी दी है. आयकर विभाग ने बताया है कि आखिर छापेमारी के दौरान उन्हें इत्र कारोबारी के घर से क्या-क्या मिला है. आयकर विभाग की ओर से जानकारी दी गई है कि 31 दिसंबर को इत्र कारोबार और रियल एस्टेट कारोबार से जुड़े दो ग्रपों के अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी की गई है.
आयकर विभाग की ओर से जानकारी दी गई कि उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, दिल्ली, तमिलनाडु और गुजरात के करीब 40 ठिकानों पर छापेमारी की गई है. छापेमारी के दौरान पता चला कि ग्रुप कर चोरी में शामिल था. छापेमारी के दौरान जिस तरह के सबूत सामने आए हैं, उससे पता चलता है कि ग्रुप के सेल्स ऑफिस और मेन ऑफिस में 40 फीसदी काम कैश से किया जाता था. जांच में पता चला है कि इत्र का कारोबार कच्चे बिल के जरिए किया जाता था. यहां तक कि इन पैसों का जिक्र अकाउंट से संबंधित रेगुलर बुक में नहीं किया जाता था. विभाग की ओर से जानकारी दी गई है कि अभी भी 5 करोड़ रुपये से अधिक के लेनदेन से संबंधित कोई कागजात नहीं मिल सके हैं. आयकर विभाग ने बताया कि इन अचल संपत्तियों का इस्तेमाल मुंबई में रियर एस्टेट प्रोजेक्ट में किया जाता था. इस पूरे मामले में कोरोबारी की भारत और यूएई में संपत्तियां अधिग्रहित की गई है. जांच में पता चला है कि इन ग्रुप ने 10 करोड़ के टैक्स की हेराफेरी की है. ग्रुप ने जांच के दौरान मिली 45 करोड़ की आय के संबंध में अभी तक कोई जानकारी नहीं दी है. जांच में पता चला है कि ग्रुप से जुड़े संस्थानों ने आय के बारे में सही-सही ब्योरा नहीं दिया है.
जांच में इस बात की भी जानकारी लगी है कि ग्रुप से जुड़े यूएई-आधारित एक हिस्सेदार ने 16 करोड़ रुपए से ज्यादा की पूंजी एक भारतीय हिस्सेदार से शेयर किया है. कर चोरी के साथ ही कंपनी ने कई तरह की अनियमित्ता बरती है और सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने की भी कोशिश की है. इत्र कारोबारी के ठिकानों से बरामद पैसों को सीज कर लिया गया है. अभी तक 9 करोड़ से ज्यादा रुपए और 2 करोड़ रुपए से ज्यादा कि ज्वैलरी को भी सीज किया गया है.