मुख्यमंत्री के निर्देश पर बना 1000 बेड का कोविड अस्पताल, अब होगा बंद, जाने क्या है पूरा माजरा

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Update: 2021-12-02 01:06 GMT

सागर: करोड़ों की लागत से बना कोविड अस्पताल बंद कर दिया गया है. खास बात यह है कि इस अस्पताल में एक भी मरीज का इलाज तक नहीं हुआ था. कोराना की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन संकट और बढ़ते मरीजों को देखते हुए इस अस्थाई अस्पताल का निर्माण करीब 100 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से कराया गया था. पहले फेज में 200 बिस्तरों का अस्पताल प्रारंभ किया गया था, लेकिन यहां एक भी कोविड पेशेंट का इलाज नहीं हुआ.

कोरोना की दूसरी लहर के दौरान सागर जिले के बीना तहसील अंतर्गत आगासोद के ग्राम चक्क में भारत ओमान रिफायनरी के समीप बनाए 1000 बिस्तरों के ऑक्सीजन युक्त अस्थाई अस्पताल को बंद करने के राज्य सरकार ने आदेश जारी कर दिए हैं. इस अस्पताल में एक भी मरीज को उपचार हेतु भर्ती नहीं किया गया. इसे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर बनवाया गया था, जिसकी मॉनिटरिंग करने स्वयं मुख्यमंत्री कई दफा आए. अस्पताल का निरीक्षण करने मुख्यमंत्री के साथ तत्कालीन केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी पहुंचे थे. अस्पताल का संचालन प्राइवेट सेक्टर के माध्यम से कराया जाना था, लेकिन इसे बंद कर दिया गया.
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जहां मुख्यमंत्री एक ओर स्वास्थ्य विभाग के अमले को कोरोना की संभावित लहर से निपटने के लिए तैयार कर रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर संचनालय स्वास्थ्य सेवा मध्य प्रदेश के द्वारा पत्र जारी कर इस अस्पताल को बंद करने का आदेश आया है. इस मामले में सागर के मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुरेश बौद्ध ने बताया कि इस अस्पताल को बंद करने का आदेश मिला है. 30 नवंबर से इस अस्थाई अस्पताल को बंद कर दिया गया है. आगे इसके बारे में आगे क्या निर्णय होगा. अगर यह अस्पताल चालू रहता तो कोरोना की संभावित तीसरी लहर अगर आती है तो इस अस्पताल में सागर सहित रायसेन, विदिशा जिलों के कोरोना संक्रमित मरीजों को भी सुगमता से इलाज मिल सकता था.

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