सीकर। सीकर निजी जांच केंद्रों पर कार्ड टेस्ट किया जाता है। इसकेआधार पर जिले में अगस्त में ही 300 से ज्यादा मरीजमिल चुके हैं। चुनौती ये है कि स्वास्थ्य इस टेस्ट रिपोर्टको नहीं मानता है। स्वास्थ्य विभाग एलाइजा टेस्ट को हीसही मानता है। यह टेस्ट सिर्फ एसके अस्पताल की लैबमें ही होता है। जिलेभर में इस जांच कहीं भी सुविधा नहींहोने से मरीजों को दिक्कत हो रही है। चिकनगुनिया एक वायरल रोग है। यह संक्रमित मच्छरों केकाटने से फैलता है। जिले में तेजी से फैल रहा है। इस बीमारीमें भी डेंगू की तरह प्लेटलेट्स की संख्या घटने लगती है।मरीज को सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, ऐंठन व शरीर मेंकमजोरी आने लगती है। रोग के मुख्य लक्षण शरीर पर लालरेश, और जोड़ों का दर्द होता हैं। डेंगू और चिकनगुनियाबीमारी के चपेट में बच्चे भी आ रहे है।
जनाना अस्पताल कीआेपीडी में बीमार बच्चों की संख्या बढ़ रही है। खांसी-जुकामके साथ-साथ डेंगू के लक्षणों के वाले बच्चों में आ रहे हैं। शहर में 19 डेंगू पॉजिटिवमिल चुके हैं। इनमें ज्यादातरपॉजिटिव अगस्त में मिले हैं। वार्ड7 मोचीवाड़ा में डेंगू का खतरासबसे ज्यादा है। क्योंकि इलाके मेंजगह-जगह गंदगी पसरी है।बरसाती पानी ठहरा हुआ है। इसीतरह नीमकाथाना पूरा ब्लॉक हीखतरे की जद में है।डेंगू पॉजिटिव मरीजों की तेजीसे प्लेटलेट्स गिर रही है। मरीजोंमें 30 हजार से कम प्लेटलेट्सपहुंच रही है। लिहाजा हर दूसरे डेंगूपॉजिटिव मरीज को प्लेटलेट्सचढ़ाने की जरूरत पड़ रही है।इसके लिए डेगूं मरीज के परिजनएसके समेत निजी अस्पताल मेंसंचालित ब्लड बैंक में संपर्क कररहे हैं। एसके अस्पताल हर रोजआैसतन औसतन 1 से 2 मरीजोंके लिए एसडीपी/आरडीपी सप्लाईहो रही है।