नई दिल्ली (आईएएनएस)| भारत-पाकिस्तान की सीमा पर ड्रोन घुसपैठ की घटनाओं में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। पाकिस्तान ड्रग्स और हथियार भेजने की अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। पिछले साल के मुकाबले इस साल ड्रोन गतिविधियां दोगुनी से भी ज्यादा हो गई हैं। पाकिस्तान ने इस साल अब तक 266 बार भारतीय सीमा में ड्रोन घुसपैठ की कोशिश की है। बीएसएफ के डीजी पंकज सिंह ने ये जानकारी दी है। बीएसएफ के डीजी पंकज सिंह ने एक कार्यक्रम में बताया कि ड्रोन घुसपैठ की घटनाएं दोगुनी से ज्यादा हो गई हैं। उन्होंेने कहा कि बीएसएफ ने 2020 में भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा पर ड्रोन उड़ाए जाने की 79 घटनाओं के बारे में पता लगाया था। वहीं पिछले साल 2021 में इनकी तादाद 109 थी। वहीं इस साल यह संख्या दोगुनी से अधिक होकर 266 हो गई है।
पंकज सिंह ने बताया कि ड्रोन घुसपैठ के सबसे अधिक 215 मामले पंजाब सीमा में सामने आए हैं। वहीं जम्मू में करीब 22 मामले देखे गए हैं। उन्होंने बताया कि ड्रोन के जरिए मादक पदार्थ, हथियार और गोला-बारूद, जाली नोट आदि सीमा पार से लाए जाते हैं। इनमें भी बढ़ोत्तरी देखी जा रही है। उन्होंने कहा कि ये समस्या बहुत गंभीर है, क्योंकि हमारे पास अभी तक इसका कोई पुख्ता समाधान नहीं है।
बीएसएफ के डीजी पंकज सिंह ने ये भी कहा कि अलग-अलग तरह के ड्रोन के इस्तेमाल से उनके लिए कई समस्याएं पैदा हो रही हैं। इन ड्रोन के बारे में कम जानकारी उपलब्ध है और ये तेजी से उड़ान भरते हुए सीमा को पार कर जाते हैं। इसके बाद भी बीएसएफ लगातार मुस्तैद है और कई ड्रोन को मार गिराने में सफलता भी हाथ लगी है।
सूत्रों की माने तो भारतीय खुफिया एजेंसियों को पता चला है कि ड्रोन घुसपैठ के पीछे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का हाथ है। तस्करों और आतंकियों को ड्रोन उड़ाने की ट्रेनिंग से लेकर बाकी मदद मुहैया करवाने का काम भी आईएसआई द्वारा किया जा रहा है।