कृषि विज्ञान केंद्र केशवना में अनुसूचित जनजाति उपयोजना अंतर्गत महिलाओं को दिया जा रहा

जालोर। कृषि विज्ञान केंद्र केशवना में जनजातीय महिलाओं का मूल्य संवर्धन द्वारा रोजगार सृजन करने के उद्देश्य से अनुसूचित जनजातीय उपयोजना के अंतर्गत 10 दिवसीय कृषि उद्यमिता प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। प्रशिक्षण मेंकृषि विज्ञान केंद्र के योजनाबद्ध प्रयासों द्वारा अनुसूचित जनजातीय महिलाओं को कृषि उत्पादों का मूल्य संवर्धन कर रोजगार एवं …

Update: 2024-01-29 07:37 GMT

जालोर। कृषि विज्ञान केंद्र केशवना में जनजातीय महिलाओं का मूल्य संवर्धन द्वारा रोजगार सृजन करने के उद्देश्य से अनुसूचित जनजातीय उपयोजना के अंतर्गत 10 दिवसीय कृषि उद्यमिता प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। प्रशिक्षण मेंकृषि विज्ञान केंद्र के योजनाबद्ध प्रयासों द्वारा अनुसूचित जनजातीय महिलाओं को कृषि उत्पादों का मूल्य संवर्धन कर रोजगार एवं आमदनी बढ़ाने एवं पाक कला कुशलता का विकास पर जोर दिया गया।

कृषि विज्ञान केंद्र की प्रसार विशेषज्ञ श्रीमती सुमन शर्मा ने जनजातीय महिलाओं को जालोर क्षेत्र की मुख्य फसल बाजरा के मूल्य संवर्धन के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए महिलाओं को बाजार के बिस्किट, नमकीन, पॉपकोर्न, केक के संबंध में प्रायोगिक प्रशिक्षण दिया गया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में महिलाओं को बाजरे के विभिन्न मूल्य संवर्धित उत्पाद का प्रायोगिक प्रशिक्षण प्रदान उनके कला कौशल का विकास किया गया।

उद्यान विशेषज्ञे डॉ पवन कुमार पारीक ने महिलाओं को मूल्य संवर्धन का महत्व बताते हुए इसकी भविष्य में उपयोगिता के बारे में जानकारी दी साथ ही अनार के मूल्य संवर्धन करने पर जोर दिया।
कृषि विज्ञान केंद्र के शस्य विज्ञान विशेषज्ञ बिरम सिंह ने जालोर जिले की प्रमुख अनाज एवं दलहन फसलें एवं उनके पोषक मूल्य के बारे में जानकारी दी। केंद्र के मौसम विशेषज्ञ आनंद कुमार ने बाजरे और मूंग के आटे के स्वास्थ्य लाभ के बारे में जानकारी दी एवं साथ में महिलाओं को स्वावलम्बी बनकर स्व रोजगार करने की

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