गणतंत्र दिवस (Republic Day) की पूर्व संध्या पर जम्मू-कश्मीर के दिग्गज कांग्रेसी नेता गुलाम नबी आजाद को पद्म भूषण पुरस्कार (Padma Bhushan 2022) देने का ऐलान किया गया है। इसको लेकर कांग्रेस दो धड़ों में बंटती नजर आ रही है। एक तरफ राज बब्बर और शशि थरूर जैसे नेताओं ने आजाद को पद्म पुरस्कार को लेकर बधाई दी है तो दूसरी ओर जयराम रमेश ने आजाद पर अप्रत्यक्ष रूप से निशाना साधा है। इसी के साथ ही अफवाहें उड़नी शुरू हो गई हैं कि गुलाम नबी आजाद के ट्विटर बायो से कांग्रेस का नाम हटा दिया गया है।
आजाद ने इन खबरों का खंडन किया है। उन्होंने ट्वीट करके इस तरह की खबरों को फेक बताया है। आजाद ने कहा कि उनके ट्विटर के बायो में कुछ भी जोड़ा या घटाया नहीं गया है, कुछ लोग गलत स्क्रीनशॉट का इस्तेमाल करके भ्रम फैला रहे हैं।गुलाम नबी आजाद ने ट्वीट किया- 'कुछ लोगों के द्वारा भ्रम पैदा करने के लिए गलत चीजों का प्रसार किया जा रहा है। मेरे ट्विटर प्रोफाइल में कुछ भी हटाया या जोड़ा नहीं गया है। प्रोफाइल जैसी थी, वैसी ही है।'
बता दें कि गुलाम नबी आजाद तब से चर्चा में आ हैं जब उन्होंने कांग्रेस पार्टी के अंदर जी-23 का गठन किया और सोनिया गांधी को पत्र लिखकर कांग्रेस पार्टी में बदलाव की मांग की। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने सीधे तौर पर किसी का नाम न लेते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य के पद्म पुरस्कार से इंकार करने के फैसले की प्रशंसा की। उन्होंने ट्वीट किया कि सही काम किया। वह गुलाम नहीं आजाद बनना चाहता है।