राष्ट्रपति की उम्मीदवारी से क्यों पीछे हट रहे शरद पवार, सरकार से रिश्तों में भी खटास

Update: 2022-06-16 08:30 GMT

राष्ट्रपति चुनाव से पहले बुधवार को विपक्ष की एक बड़ी बैठक हुई। इसमें 17 राजनीतिक दलों के नेताओं ने हिस्सा लिया। बैठक के बाद तृणमूल कांग्रेस की मुखिया और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने साफ कहा कि अगर एनसीपी प्रमुख शरद पवार हां करें तो उन्हें विपक्ष की तरफ से राष्ट्रपति का उम्मीदवार बना दिया जाएगा। शरद पवार के नाम पर पूरा विपक्ष एकजुट है।

फिलहाल शरद पवार इससे इंकार कर रहे हैं। दो दिन पहले शरद पवार ने कहा था कि वह राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों की दौड़ में नहीं हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि जब विपक्ष शरद पवार के नाम पर सहमत है तो वह खुद अपने कदम पीछे क्यों खींच रहे हैं? आखिर ऐसा क्या हुआ जो पवार को उम्मीदवारी से पीछे हटने के लिए मजबूर कर रही है। आइए जानते हैं इसके तीन बड़े कारण...

बैठक के बाद प्रेस वार्ता को संबोधित करतीं ममता बनर्जी

पहले जानिए आज बैठक में क्या हुआ?

कॉन्स्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में शुरू हुई विपक्ष की बैठक में 17 राजनीतिक दलों ने हिस्सा लिया। इसमें कांग्रेस, टीएमसी, सीपीआई, सीपीआई (एम), सीपीआईएमएल, आरएसपी, शिवसेना, एनसीपी, राजद, सपा, नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी, जद (एस), डीएमके, आरएलडी, आईयूएमएल और झामुमो शामिल हैं।

विपक्षी नेताओं ने आगामी राष्ट्रपति चुनावों में एक आम उम्मीदवार को मैदान में उतारने का संकल्प लिया। बताया जाता है कि इस बैठक में कई दलों ने शरद पवार के नाम का ही सुझाव दिया। हालांकि, पवार ने फिलहाल इस पर कुछ नहीं जवाब दिया है।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बैठक के बाद मीडिया से भी यही बात कही। उन्होंने कहा, 'अगर शरद पवार तैयार हों तो उन्हें संयुक्त विपक्ष की ओर से प्रत्याशी बना दिया जाएगा। इसके लिए सभी पार्टियां तैयार हैं।' ममता ने कहा कि शरद पवार अगर इंकार करते हैं तो सभी पार्टियां मिलकर किसी एक नाम को तय करेंगी। आगे जानिए वो तीन कारण जानिए जिसके चलते पवार दावेदारी से पीछे हट रहे...

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