पश्चिम बंगाल : पंचायत चुनाव में हिंसा की क्या रही वजह? जानें BSF के DIG का बयान
पश्चिम बंगाल में हिंसा के बीच शनिवार को पंचायत चुनाव के लिए मतदान संपन्न हो गया है. चुनाव के दौरान बूथों पर और उसके आसपास के इलाकों में हिंसा की घटनाएं सामने आई हैं, जिसमें अबतक 15 कार्यकर्ता और लोग मारे गए हैं. वहीं, पंचायत चुनावों पर पश्चिम बंगाल राज्य चुनाव आयोग ने कहा कि पुलिस ने चुनाव संबंधी हिंसा में 10 मृत्यु की पुष्टि की है. इस बीच बंगाल चुनाव में हुई हिंसा को लेकर BSF के डीआईजी का बड़ा बयान सामने आया है.
दक्षिण बंगाल के डीआईजी बीएसएफ सुरजीत सिंह गुलेरिया का कहना है कि शनिवार को बीएसएफ, सेंट्रल फोर्स और स्टेट फोर्स की तैनाती की गई थी. जहां भी तैनाती हुई वहां सुचारू रूप से मतदान हुए. कल सुबह 11 बजे 59,000 ट्रूप्स उपलब्ध थे. 61,636 पोलिंग बूथ में से 4,834 संवेदनशील पोलिंग बूथ घोषित हुए हैं, यह डाटा हमें मीडिया के माध्यम से मिला है.
उन्होंने आगे कहा कि जो संवेदनशील पोलिंग बूथ होते हैं उस पर प्राथमिकता दी जाती है, इन पोलिंग बूथों पर राज्य के प्रशासन (DM-SP) द्वारा बताए जाने पर हमारे फोर्स की तैनाती की गई थी. हमारे पास पोलिंग बूथ की लिस्ट अभी तक नहीं है. हमने राज्य चुनाव आयोग को इसे लेकर पत्र भी लिखा, पत्र का जवाब हमें मिला जिसमें सिर्फ 61,636 पोलिंग बूथ होने की जानकारी दी गई जबकि संवेदनशील बूथ की जानकारी नहीं दी गई.
पंचायत चुनाव हिंसा में हुई मृत्यु पर कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि कल यहां एक 62 वर्षीय व्यक्ति की हत्या कर दी गई. हत्या का उद्देश्य यह था कि इन्हें मार कर 3-4 बूथ पर कब्जा किया जा सके. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अभी कहीं नहीं दिखेंगी, राज्य चुनाव आयोग कहीं नहीं दिखेंगे. बंगाल में और कितने लोग मारे जाएंगे? चुनाव से पहले-चुनाव के बाद हिंसा जारी रहती है. तृणमूल और पुलिस दोनों में कोई फर्क नहीं है, जो काम तृणमूल नहीं कर पाती है वह पुलिस कर देती. इस हत्या के खिलाफ हम सड़क और कोर्ट तक जाएंगे, हम आंदोलन करेंगे.