पश्चिम बंगाल: पूर्व सीएस बंदोपाध्याय का ट्रांसफर मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पश्चिम बंगाल में आयोजित एक अहम बैठक में पूर्व मुख्य सचिव अलापन बंदोपाध्याय द्वारा इंतजार कराने पर उनके तबादले का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पश्चिम बंगाल में आयोजित एक अहम बैठक में पूर्व मुख्य सचिव अलापन बंदोपाध्याय द्वारा इंतजार कराने पर उनके तबादले का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) के बंदोपाध्याय के तबादले को लेकर आदेश को कलकत्ता हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया था। इसके खिलाफ केंद्र सरकार ने 29 अक्तूबर को सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की। सोमवार को इस पर संक्षिप्त सुनवाई हुई और इसके बाद जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस सीटी रविकुमार की पीठ ने यह 22 नवंबर तक बढ़ा दी।
मई 2021 में बंदोपाध्याय मुख्य सचिव के रूप में कार्यरत थे, जब केंद्र ने पश्चिम बंगाल सरकार के साथ उनके कार्यकाल को कम करने का फैसला लिया और उन्हें नई दिल्ली में रिपोर्ट करने के लिए कहा था। 31 मई को बंदोपाध्याय सेवानिवृत्त हो गए थे। इससे तीन दिन पहले चक्रवाती तूफान यास से हुए जान-माल के नुकसान की समीक्षा करने के लिए 28 मई 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बंगाल में हुई बैठक में शामिल नहीं होने पर केंद्र ने उनके खिलाफ जांच शुरू की थी।
बंदोपाध्याय ने इस जांच को चुनौती देते हुए कैट की कोलकाता पीठ का रुख किया। इसके बाद केंद्र ने मामले को यहां स्थानांतरित करने के लिए प्रधान पीठ का रुख किया और 22 अक्टूबर को तबादला याचिका को स्वीकार करते हुए आदेश पारित किया। बंदोपाध्याय ने कैट के आदेश के खिलाफ कलकत्ता हाईकोर्ट का रुख किया। हाई कोर्ट ने केंद्र के पास बंदोपाध्याय के ट्रांसफर के अधिकार अपने पास रखने पर कड़ी आपत्ति जताई और कैट के आदेश को रद्द कर दिया। केंद्र ने हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।